जौनपुर एक छोटा लेकिन मशहूर शहर है ऐसे में कुछ लोगों का मानना है की कोई यहाँ से पढ़ के जीवन में उच्च पदों पे नहीं जा सकता लेकिन समय समय पे मेहनत करने वाले बच्चे इसे गलत साबित करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे |
मोहल्ला कोठियाबीर सदर जौनपुर निवासी जनाब मीसम जैदी जो एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते थे जहां पढ़ाई को अधिक अहमियत नहीं दी जाती थी और खाते पीते घर के थे लेकिन बड़ी बड़ी फीस भरने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता था |
जनाब मीसम जैदी ने हमारा जौनपुर सोशल वेलफेयर फाउंडेशन की टीम को बात चीत में बताया की उन्होंने जौनपुर के शिया इंटर कॉलेज से हाई स्कूल और इंटर पास किया और शिया डिग्री कॉलेज से स्नातक हुए लेकिन उसके बाद यह समस्या आ गयी की आगे पढाई के लिए MBA इत्यादि की फीस कहाँ से आयगी और इसी उलझन में एक दिन उन्हें उनका कोई मित्र मिला जिसने मशविरा दिया की क्यूँ न CA के लिए कोशिश की जाय क्यूँ की इसमें फीस कम भी है और थोड़ी थोड़ी करके भी भरी जा सकती है |
फिर क्या था मेहनत और तरक्की की ख्वाहिश रखने वाले के लिए यह कम नहीं था और 3-४ मित्र दिल्ली गए और वहीँ साथ में रहे के पढाई करने लगे |
मीसम के पिता ज़फर जैदी २००६ में हेड कांस्टेबल के पद से रिटायर हो चुके थे और पेंशन इतनी कम थी की घर के खर्च चल जाये यही बहुत था | लेकिन ज़फर साहब ने बेटे से कहा तुम पढो और मेहनत करो मैं तुम्हे कैसे भी पढ़ाऊंगा और आज उनका प्रोत्साहन और मीसम की कड़ी मेहनत रंग लायी और मीसम साहब पिछले चार वर्षं से दिल्ली में चार्टर्ड अकाउंटेंट की हैसीयत से काम कर रहे थे |
अब मीसम ने सोंचा की चलो अपने वतन में ही अपना काम किया जाय क्यूँ यदि सभी लोग पढ़ लिखे के जौनपुर के बाहर चले जायेंगे तो जौनपुर में कौन रहेगा और इसी सोंच ने और माता पिता की सेवा के भाव के चलते मीसम ने "मीसम अली एण्ड कंपनी" के नाम से दफ्तर बाबा बर्फानी रेस्टोरेंट के बगल में खोला जिसका उद्घाटन दिनेश टंडन जी ने ९ जुलाई २०१७ को किया |
हमारा जौनपुर टीम मीसम जैदी की तरक्की के लिए दुआ करती हैं और उनके पिता को सलाम करती हैं की उन्होंने अपने बेटे को प्रोत्साहित किया और बेटे ने जनपद का नाम रौशन किया |
.........संचालक हमारा जौनपुर
एस एम् मासूम
मीसम जैदी अपने पिता ज़फर जैदी के साथ अपने दफ्तर में | |
जनाब मीसम जैदी ने हमारा जौनपुर सोशल वेलफेयर फाउंडेशन की टीम को बात चीत में बताया की उन्होंने जौनपुर के शिया इंटर कॉलेज से हाई स्कूल और इंटर पास किया और शिया डिग्री कॉलेज से स्नातक हुए लेकिन उसके बाद यह समस्या आ गयी की आगे पढाई के लिए MBA इत्यादि की फीस कहाँ से आयगी और इसी उलझन में एक दिन उन्हें उनका कोई मित्र मिला जिसने मशविरा दिया की क्यूँ न CA के लिए कोशिश की जाय क्यूँ की इसमें फीस कम भी है और थोड़ी थोड़ी करके भी भरी जा सकती है |
फिर क्या था मेहनत और तरक्की की ख्वाहिश रखने वाले के लिए यह कम नहीं था और 3-४ मित्र दिल्ली गए और वहीँ साथ में रहे के पढाई करने लगे |
मीसम के पिता ज़फर जैदी २००६ में हेड कांस्टेबल के पद से रिटायर हो चुके थे और पेंशन इतनी कम थी की घर के खर्च चल जाये यही बहुत था | लेकिन ज़फर साहब ने बेटे से कहा तुम पढो और मेहनत करो मैं तुम्हे कैसे भी पढ़ाऊंगा और आज उनका प्रोत्साहन और मीसम की कड़ी मेहनत रंग लायी और मीसम साहब पिछले चार वर्षं से दिल्ली में चार्टर्ड अकाउंटेंट की हैसीयत से काम कर रहे थे |
अब मीसम ने सोंचा की चलो अपने वतन में ही अपना काम किया जाय क्यूँ यदि सभी लोग पढ़ लिखे के जौनपुर के बाहर चले जायेंगे तो जौनपुर में कौन रहेगा और इसी सोंच ने और माता पिता की सेवा के भाव के चलते मीसम ने "मीसम अली एण्ड कंपनी" के नाम से दफ्तर बाबा बर्फानी रेस्टोरेंट के बगल में खोला जिसका उद्घाटन दिनेश टंडन जी ने ९ जुलाई २०१७ को किया |
हमारा जौनपुर टीम मीसम जैदी की तरक्की के लिए दुआ करती हैं और उनके पिता को सलाम करती हैं की उन्होंने अपने बेटे को प्रोत्साहित किया और बेटे ने जनपद का नाम रौशन किया |
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