जौनपुर शहर प्रतिभाओं से भरा पड़ा है. ऐसे ऐसे नायाब मोती इस खजाने में तलाशने पे मिलते हैं जिन्हें पाने के बाद विश्वास ही नहीं होता कि ऐसे प्रतिभाशाली लोग भी इस शहर में रहते हैं. अपनी इस जौनपुर की वेबसाईट के द्वारा में ऐसी ही प्रतिभाओं को आप सभी के सामने पेश करने की कोशिश समय समय पे किया करता हूँ .
जौनपुर एक ऐसा है शहर जो कभी शर्की राज्य रहा और एक शतक तक राजधानी की तरह से इस्तेमाल किया जाता था लेकिन यह भी सत्य है कि इस इलाके को काफी हद तक अनदेखा किया जाता रहा है और इसी कारण से रोज़गार के अवसर यहाँ कम मिला करते हैं. व्यापार के लिए सुविधाओं का भी काफी अभाव रहा है इस छेत्र में | जबकि शर्की राज्य में जौनपुर एक महत्वपूर्ण व्यापार का गढ़ रहा है. यहाँ दूर दूर से लोग व्यापार के लिए आया करते थे.
विभिन्न प्रकार की प्रतिभाओं से भरे शहर जौनपुर की शोहरत आस पास के इलाकों में सिमट के रह गयी है जो की चिंता का विषय है. जौनपुर को एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल घोषित न किया जाना आज भी समझ में नहीं आता | जौनपुर निवासी देखने में तेज तर्रार और भीतर से भोले और दिल के साफ़ होते हैं. सुविधाओं के अभाव में अक्सर यहाँ कि प्रतिभाएं पूर्वांचल तक ही सिमट के रह जाया करती हैं |
मुझे जब जब अवसर मिला में अपने वतन जौनपुर पहुँच के यहाँ के प्रतिभाशाली लोगों से मिलने कि कोशिश करता रहा | कविओं, लेखकों ,इतिहासकारों से मिला, प्रतिभाशाली पत्रकारों, और समाजसेवकों से मिला, तलवारबाजों, मूर्तिकारों, अध्यापकों, नेताओं ,समाजसेवकों और धर्म गुरुओं से मिला. इन सभी यादगार मुलाकातों को जल्द से जल्द आप सभी तक पहुँचाया जाएगा जिससे पूरा विश्व यहाँ कि प्रतिभाओं को जान सके |
यहाँ के स्कूलों, सरकारी दफ्तरों और अस्पतालों में सुविधाओं को बढ़ाने कि आवश्यकता है और इस बात कि भी आवश्यकता है कि लोगों को सही जानकारी दी जाए. यहाँ पे लोगों को उनके अधिकारों के बारे में बताया जाना आज की एक बड़ी ज़रूरत बन गया है. अधिकारों की जानकारी न होने के कारण अक्सर उन्हें उस काम के लिए भी बैंक और सरकारी दफ्तरों के बाबुओं को चाय पानी देना पड़ता है जो उनका अधिकार है और बाबुओं को उसी काम को करने की तनख्वाह मिलती है | ऐसे काम के लिए भी उनको उनके अधिकारों की जानकारी न होने के कारण घंटो अपने बहुमूल्य समय को बर्बाद करना पड़ता है.
शहर की सड़कों की खराब हालत और बिजली की अत्यधिक कटोती भी इस शहर की तरक्की में एक बड़ी बाधा है |
आज जौनपुर का युवा विश्व के साथ मिल के चलना चाहता है, तरक्की के रास्ते तलाशता नज़र आता है. लेकिन अक्सर स्नातक होने के बाद नौकरियों के फार्म भरते और टेस्ट –इंटरव्यू देते समय गुज़र जाता है और फिर मायूसी उसे घेरने लगती है. फिर दौर शुरू होता है सउदी, दुबई में छोटे मोटे काम की तलाश या फिर सड़कों और चाय की दुकानों पे दोहरा, पान खाके झूटी शान की बातें और समय की बर्बादी का. ऐसे में उसकी प्रतिभा दब के रह जाती है और अक्सर उनमें से कुछ ग़लत राह पे भी चल निकलते हैं | इस महत्वपूर्ण विषय पे जल्द ही वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्विद्यालय के कुलपति डॉ सुन्दरलाल जी के विचार आपके सामने पेश किये जाएंगे.
इस वेबसाइट के ज़रिये जौनपुर निवासीयों की प्रतिभाओं को सामने लाना, यहाँ पे व्यापार और रोज़गार के अवसरों को सामने लाना ,इन्टरनेट के इस्तेमाल से विश्व के साथ जुडना और इन्टरनेट के इस्तेमाल से रोज़गार के अवसरों को सामने लाना भी इस वेबसाइट का मकसद है |
यह एक बड़ा सत्य है कि जो एक बार जौनपुर को करीब से देख लेता है यहाँ बार बार आना चाहता है | तो क्यों न मिलकर जौनपुर को ऐसा बनाया जाए की यहाँ के लोगों को अपने वतन से दूर रोज़गार की तलाश में न जाना पड़े
पिक्चर्स सुपर इम्पोज दिख रही हैं ...
जवाब देंहटाएंबढ़िया फोटोग्राफ्स आए हैं मासूम भाई.... बहुत दिनों बाद आपकी कोई पोस्ट आई है ब्लॉग जगत में....
जवाब देंहटाएंबहोत दिनो बाद
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