सोमवार, 27 दिसंबर 2021
Lucknow ki Hardoe Road par Musabagh se pahle yah Mazar Hazrat Multan sahab Rahmat Ullah or Hazrat Sultan sahab Rahmat Ullah ke hain jo Mu...
मुग़ल दौर का बारह खंबा मलिहाबाद
7:28 pm
मलिहाबाद में बड़ी ही खराब हालत में मुग़ल दौर का एक मक़बरा जिसे मुगलों के अवध के गवर्नर शामिर खान ने बनवाया था। Discover Jaunpur (English)...
बुधवार, 1 सितंबर 2021
शाही किले की मस्जिद का इतिहास मुहिबुल्लाह खान
11:24 am
जौनपुर किले के निर्माण के समय फिरोज शाह तुगलक (बरनी द्वारा उल्लेखित) के भाई उलुग इब्राहिम नायब बरबक ने किले की मस्जिद का निर्माण करवाया था। ...
शनिवार, 31 जुलाई 2021
बनारस हो मुंबई हो कानपुर या जौनपुर पान की शान क़ायम है ।
6:09 am
बनारस हो मुंबई हो कानपुर या जौनपुर पान की शान क़ायम है । मुअज़िज़ दोस्तों आदाब अर्ज़ है उम्मीद करता हूं कि आप सब खै़रियत से होंगे। आप सबकी जानि...
मंगलवार, 27 जुलाई 2021
दुर्वासा ऋषि का आश्रम आज़मगढ़ खुरासो
6:52 pm
आज आजमगढ के एक गांव खुरासो से दो किलो मीटर और फूलपूर गांव से ६ किलोमीटर दूर गांव मे दुर्वासा ऋषि के आश्रम आशीर्वाद लेने जा पहुंचा | वहा उस म...
ख्वाजा अब्दुल फतेह सोंबरिस चिश्ती
6:33 pm
एक दौर था जब जौनपुर में 1400 से अधिक पालकियां सूफियों की निकलती थी लेकिन अब उनकी क़ब्रों के निशान भी गायब होने लगे हैं ख्वाजा अब्दुल फतेह स...
सोमवार, 5 अप्रैल 2021
प्रसिद्ध लेखक और समाजशास्त्री डॉ. पवन विजय से एक साक्षात्कार
11:13 pm
आज हमारे बीच में प्रसिद्ध लेखक और समाजशास्त्री डॉ. पवन विजय मौजूद हैं। जौनपुर के सुजानगंज क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले डॉ. पवन विजय दिल्ल...
शुक्रवार, 22 जनवरी 2021
सोन बरीस सिपाह जौनपुर जहाँ होती थी कभी सोने की बारिश |
9:53 am
वो टीम जो मुझे शेख अबुल फतह सोन बरीस की मज़ार पे ले गयी | जौनपुर क़ब्रों का शहर है और अधिकतर लोगो के लिए यह एक रहस्य ही बना हुआ है...
बुधवार, 20 जनवरी 2021
जौनपुर ऋषि मुनियों सूफी संतों की तपोस्थली के साथ साथ सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर की तपोस्थली भी रही है l
6:14 am
गुरु तेग बहादुर (जन्म: 18 अप्रैल, 1621 ई - मृत्यु: 24 नवम्बर, 1675 ई सिखों के नौवें गुरु थे। उनका जन्म पंजाब के अमृतसर में हुआ था। उनके बचपन...
सोमवार, 18 जनवरी 2021
जफराबाद के सेमर घाट के सती स्थल कह रहे हैं सतियों की कहानिया |
6:30 am
आज से लगभग दो ढाई सौ साल पहले बाल विवाह और सतिप्रथा का चलन ज़ोरों पे था और इसके निशाँ आज भी जफराबाद में तीन चार स्थानों पे मिला करते है | ...
मख़दूम ख्व़ाजा ई’सा ताज चिश्ती जहाँ आज भी मुरीदों का तांता लगा रहता है |
4:50 am
मख़दूम ख्व़ाजा ई’सा ताज चिशती आप का शुमार जौनपुर के प्रसिद्ध सूफ़ियों में होता है . आप के पिता शैख़ अहमद ई’सा दिल्ली के प्रसिद्द विद्वान...
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