A forgotten berry ‘Karonda’- have significant anticancer potential : Suroor fatima Cancer is a major public health problem and ranks as a le...
मंगलवार, 27 दिसंबर 2022
गुरुवार, 8 सितंबर 2022
टीडी महाविद्यालय का म्यूजियम बना चर्चा का विषय।
3:29 am
टीडी कालेज का म्यूजियम बना चर्चा का विषय। सुनता था की तिलकधारी महाविद्यालय में एक म्यूजियम है जिसमे जौनपुर और आस पास से मिली कुछ मूर्तियां ...
पढ़िए जनपद की शान तिलकधारी महाविद्यालय के प्रिंसिपल के विचार छात्रों की समस्यायों पे।
2:43 am
तिलकधारी महाविद्यालय के प्रिंसिपल प्रो आलोक कुमार सिंह से एक मुलाकात सुनता था की तिलकधारी कालेज में एक म्यूजियम है जिसमे जौनपुर और आस पास स...
सोमवार, 25 जुलाई 2022
सच है ऐसा होता है और आज के दौर में भी ये होता है ।शास्त्रीय गायक श्री वरुण मिश्रा
9:34 am
Ustad Gulshan Bharti Varun Mishra कभी सुना है आपने कि कोई सिद्ध गायक राग दीपक गाए और फिर हज़ारों दीपक एक साथ जल उठें या फिर ये सुना हो के...
सोमवार, 30 मई 2022
आज की तारीख जौनपुर इतिहास के पन्नो से।
1:41 am
आज की तारीख जौनपुर इतिहास के पन्नो से। करामत अली जौनपुर के एक धार्मिक और सामाजिक सुधारक थे। आपका असल नाम अली हनफ़ी जौनपुरी था।आपका जन्म उत्त...
गुरुवार, 17 मार्च 2022
चलिए आज आपको भी खिलाते हैं इमरती से लेकर एटम बम तक |
5:40 am
आज कल जौनपुर में त्योहारों का मौसम है होली का खुमार अभी तक उतरा नहीं है | जैसे जौनपुर की ऐतिहासिक अहमियत है वैसे ही यहाँ की मिठाइयों का मज...
होली गयी पिया के वापस जाने के दिन आये - भोजपुरी गीत रेलिया बैरन - डॉ ज्योति सिन्हा
5:39 am
होली गयी पिया के वापस जाने के दिन आये - भोजपुरी गीत रेलिया बैरन - डॉ ज्योति सिन्हा गाँव इत्यादि जैसी छोटी जगहों पे जहां रोज़गार की समस...
होली या नौरोज़? लेखक मरहूम इमरान रिज़वी
5:38 am
होली या नौरोज़? लेखक मरहूम इमरान रिज़वी इस के लेखन इमरान रिज़वी अब इस दुनिया में नहीं रहे लेखन इन शब्दों के साथ लेखक आज भी जीवित है | इस ...
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Besahoopur, India
मंगलवार, 8 मार्च 2022
Untold Story of Mughal Period Shahi Barguzar Pull Jaunpur
8:36 am
Untold Story of Mughal Period Shahi Barguzar Pull Jaunpur जौनपुर में मुग़लों के बनवाये तीन शाही पुल बहुत ही मशहूर है जिसमें से जलालपुर और ब...
मंगलवार, 15 फ़रवरी 2022
लखनऊ में गुजरे वक़्त की याद मुकेश चित्रवंशी के साथ।
5:37 pm
कहते हैं कि गुज़रते व़क्त के साथ-साथ न जाने कितनी ही चीजें है जो कि बदलती रहती है.... वाकई कभी-कभी तो हैरत होती है.... वही शहर है वही आबोहवा...
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