बुजुर्गों का कहना है की जब तक किसी फल का पूरा मौसम ना आ जाय उसे नहीं खाना चाहिए | पता नहीं बुजुर्गों ने ऐसा क्यूँ कहा लेकिन आज के दौर में यह बात सेहत को देखते हुए सत्य साबित हो रही है |
बाज़ार में आम एक महीने पहले से ही आ चुके हैं जबकि अधिकतर पेड़ों पे आज भी कच्चे आम पेड़ की शान बढाते नज़र आ रहे हैं |
होता यह है की आज कल पैसे अधिक और जल्द कमाने की लालच में लोग कच्चे आम को कार्बाइड की पुडिया से पका देते हैं और कच्चा आम २४ घंटों में ही पीला पका और रसीला हो जाता है लेकिन यही समय से पहले कार्बाइड का पका आप आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है |
सबसे पहले तो यह पेट खराब करता है और डायरिया इत्यादि बीमारियाँ घेर लेती है | शरीर पे दाने भी आ सकते हैं और लम्बे समय में यह आँखों की रौशनी पे और हार्ट पे भी बुरा असर डालता है |
कार्बाइड से पके आम पे झुर्रियां पायी जाती है और बहुत बार झुर्री और हरा पीला रंग दिखता है | सबसे पहले तो मौसम के पहले इन कार्बाइड के पके आप को खाने से बचे और अगर कभी खाना ही हो तो खाने से पहले ३-४ घंटे पानी में भीगा के खाएं |

बाज़ार में आम एक महीने पहले से ही आ चुके हैं जबकि अधिकतर पेड़ों पे आज भी कच्चे आम पेड़ की शान बढाते नज़र आ रहे हैं |
होता यह है की आज कल पैसे अधिक और जल्द कमाने की लालच में लोग कच्चे आम को कार्बाइड की पुडिया से पका देते हैं और कच्चा आम २४ घंटों में ही पीला पका और रसीला हो जाता है लेकिन यही समय से पहले कार्बाइड का पका आप आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है |
सबसे पहले तो यह पेट खराब करता है और डायरिया इत्यादि बीमारियाँ घेर लेती है | शरीर पे दाने भी आ सकते हैं और लम्बे समय में यह आँखों की रौशनी पे और हार्ट पे भी बुरा असर डालता है |
कार्बाइड से पके आम पे झुर्रियां पायी जाती है और बहुत बार झुर्री और हरा पीला रंग दिखता है | सबसे पहले तो मौसम के पहले इन कार्बाइड के पके आप को खाने से बचे और अगर कभी खाना ही हो तो खाने से पहले ३-४ घंटे पानी में भीगा के खाएं |

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