आज जौनपुर के जमैथा गाँव पहुंचा जो खरबूजे के लिए मशहूर है | इस बार खरबूजा कम दिखा तो पता लगा वहाँ के लोग रोजड़ा, घोड़ा रोज , या नील गाय कहे जाने वाले जानवर से परेशान हैं जो झुण्ड में रहते हैं और पूरी फसल को रातों रात बर्बाद कर देते हैं | किसान अपने खून पसीने सिचकर फसलो को उगाते है उधर नीलगाये झुण्ड में धावा बोलकर पल भर में चट कर जाती है जो बच गई उन्हें पैरो तलों रौद डालते है |
किसानो का कहना है की जितनी मेहनत और खर्चा खाबूज़ा की फसल बोने में नहीं होता उस से अधिक घोड़ा रोज से फसल बचाने में हो जाता है |
जमैथा गोमती नदी के किनारे बसा एक गाँव है जिसके तीन तरफ गोमती है और ज़मीन उपजाओ लेकिन घोड़ा रोज की वजह से किसान अब फसल कम बोते हैं |
घोड़ा रोज , या नील गाय हिरन प्रजाति का जानवर है जिसमे नर नीले-काले रंग का होता है जिसके सींघ होती है और मादा भूरे हिरन जैसे रंग की होती है जिसके सींघ नहीं हुआ करती | इसी कारण से लोग नार और मादा को अलग अलग जानवर समझने की भूल भी कर बैठते हैं | जमैथा गाँव के लोग इसे घोड़ा रोज के नाम से पुकारते हैं और जब उनसे बात चीत की तो पता लगा की नील गाय इसका नाम तो है लेकिन यह हिरन या बकरी प्रजाति का जानवर है क्यूँ की इसके खुर ,इसका मलत्याग और खान पान हिरन से अधिक मिलता है और नर दूर से देखने पे घोड़े जैसा प्रतीत होता है इसलिए इसे घोड़ा रोज के नाम से अधिक पुकारा जाता है |
किसानो का कहना है की जितनी मेहनत और खर्चा खाबूज़ा की फसल बोने में नहीं होता उस से अधिक घोड़ा रोज से फसल बचाने में हो जाता है |
जमैथा गोमती नदी के किनारे बसा एक गाँव है जिसके तीन तरफ गोमती है और ज़मीन उपजाओ लेकिन घोड़ा रोज की वजह से किसान अब फसल कम बोते हैं |
नर नील गाय या घोड़ा रोज |
मादा नील गाय या घोड़ रोज़ |
Discover Jaunpur (English ), Jaunpur Photo Album
Admin and Founder
S.M.Masoom
Cont:9452060283
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
हमारा जौनपुर में आपके सुझाव का स्वागत है | सुझाव दे के अपने वतन जौनपुर को विश्वपटल पे उसका सही स्थान दिलाने में हमारी मदद करें |
संचालक
एस एम् मासूम