शर्कीकाल में जौनपुर में अनेकों भव्य भवनों, मस्जिदों व मकबरों का र्निमाण हुआ. फिरोजशाह ने 1393 ई0 में अटाला मस्जिद की नींव डाली थी, लेकिन 1408 ई0 में इब्राहिम शाह ने पूरा किया.इब्राहिम शाह ने जामा मस्जिद एवं बड़ी मस्जिद का र्निमाण प्रारम्भ कराया, इसे हूसेन शाह ने पूरा किया। शिक्षा, संस्क़ृति, संगीत, कला और साहित्य के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले जनपद जौनपुर में हिन्दू- मुस्लिम साम्प्रदायिक सद् भाव का जो अनूठा स्वरूप शर्कीकाल में विद्यमान रहा है, उसकी गंध आज भी विद्यमान है.
शाही पुल- तारीख के अनुसार जौनपुर के इस विख्यात शाही पुल का र्निमाण अकबर के शासनकाल में उनके आदेशानुसार सन् 1564 ई0 में मुनइन खानखाना ने करवाया था. यह भारत में अपने ढंग का अनूठा पुल है और इसकी मुख्य सड़क पृथ्वी तल पर र्निमित है. पुल की चौड़ाई 26 फीट है जिसके दोनो तरफ 2 फीट 3 इंच चौड़ी मुंडेर है. दो ताखों के संधि स्थल पर गुमटियां र्निमित है.पहले इन गुमटियों में दुकाने लगा करती थी. पुल के उत्तर तरफ 10 व दक्षिण तरफ 5 ताखें है, जो अष्ट कोणात्मक स्तम्भों पर थमा है.
शाही पुल से गोमती ओर किले का नज़ारा देखने योग्य हुआ करता है .
शाही पुल- तारीख के अनुसार जौनपुर के इस विख्यात शाही पुल का र्निमाण अकबर के शासनकाल में उनके आदेशानुसार सन् 1564 ई0 में मुनइन खानखाना ने करवाया था. यह भारत में अपने ढंग का अनूठा पुल है और इसकी मुख्य सड़क पृथ्वी तल पर र्निमित है. पुल की चौड़ाई 26 फीट है जिसके दोनो तरफ 2 फीट 3 इंच चौड़ी मुंडेर है. दो ताखों के संधि स्थल पर गुमटियां र्निमित है.पहले इन गुमटियों में दुकाने लगा करती थी. पुल के उत्तर तरफ 10 व दक्षिण तरफ 5 ताखें है, जो अष्ट कोणात्मक स्तम्भों पर थमा है.
शाही पुल से गोमती ओर किले का नज़ारा देखने योग्य हुआ करता है .
डा. मनोज मिश्र की एक पोस्ट में इस पुल को देखा था. मन में बसा हुआ है. फोटोस बहुत ही सुन्दर हैं.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन तस्वीरें। साथ ही रोचक जानकारी।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर आलेख और फोटोग्राफ, बचपन में जब शाही पुल के पूरब और उत्तरी किनारे पर स्थित केरारबिर जी का मंदिर जहाँ हम अपनी दादी के साथ मेरे पास होने ठीक रहने और उन्नति के आशीर्वाद के लिए ले ले जातीं और वहां का नज़ारा अद्भुद जो आपके चित्रों में नज़र आ रहा है.
जवाब देंहटाएंडॉ.लाल रत्नाकर
जाना पहचाना पुल बचपन की यादें जिससे जुडी हैं
जवाब देंहटाएंबीच के स्तंभों पर दो गुलाबी मछलियाँ खुदी हैं जो एक तरफ से तो बिना शल्क (स्केल्स ) के लगती हैं
दूसरी और से शल्कों वाली -
अद्भुत शिल्प का नमूना -उनका भी फोटो लेना था !
वाह यादे ताजा हो गई
जवाब देंहटाएंJAUNPUR IS A HISTORICAL AND BEAUTIFUL CITY OF INDIA.ITS HISTORICAL IMPORTANCE IS UNCOMPERATIVALE.JAUNPUR CITY PRESENTS MANY HISTORICAL ,RELIGIOUS AND IMPORTANT CULTURAL ACTIVITIES IN THE HISTORY OF INDIA.WRITTEN BY DR.SATYA NARAYAN DUBEY'SHARTENDU'BOOK" JAUNPUR KA GAURAVA SHALI ITIHAS" PRESENTS MANY IMPORTANT AND VALUABLE HISTORY AND FEATURES OF THE DISTRICT JAUNPUR.
जवाब देंहटाएंI LOVE JAUNPUR
जवाब देंहटाएंIts speechless. very nice.
जवाब देंहटाएंIt's a fantastic thing and awesome
जवाब देंहटाएंमुझे गर्व है मेरे जौनपुर पर. मै मुम्बई नवभार टाइम्स में असोसिएट एडिटर हूँ। मुंबई में ही पैदा हुआ। शिक्षा वहीँ और गत ३० साल से टाइम्स समूह में कार्यरत हूँ। मैं जब भी जौनपुर आता हूँ, एक रूहानी सुकून मिलता है. घर की छत पर खुले आसमान के निचे तारों को गिनने का वो सुख मैं लन्दन और अमेरिका में भी नहीं पा सका। मेरा जौनपुर दुनिया में सबसे बेस्ट है.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सतीश मिश्र जी |
जवाब देंहटाएंओ सदभावना पुल से शाह
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