728x90 AdSpace

This Blog is protected by DMCA.com

DMCA.com for Blogger blogs Copyright: All rights reserved. No part of the hamarajaunpur.com may be reproduced or copied in any form or by any means [graphic, electronic or mechanical, including photocopying, recording, taping or information retrieval systems] or reproduced on any disc, tape, perforated media or other information storage device, etc., without the explicit written permission of the editor. Breach of the condition is liable for legal action. hamarajaunpur.com is a part of "Hamara Jaunpur Social welfare Foundation (Regd) Admin S.M.Masoom
  • Latest

    शनिवार, 22 अप्रैल 2017

    बाज़ारों मैं खुशबूदार खरबूजे दिखाई पड़ने लगे |



    गर्मियों के शुरू होते ही बाज़ारों मैं खुशबूदार खरबूजे दिखाई पड़ने लगते हैं. जौनपुर मैं जमैथा का खरबूजा बहुत ही मशहूर है जिसकी पहचान उसे झिल्के पे फैली हुई जाल हुआ करती हैं.यह फल विटामिन और मिनरल से भरपूर हुआ करता है ख़ास तौर पे विटामिन A और C. यह कब्ज़ को दूर करता है , चमड़े कि बीमारी का इलाज है, वज़न कम करने वालों के लिए वरदान है,नींद ना आने बीमारी जिसे हो उसको फैदा करता है और दिल के दौरे से बचाता है.

    जमैथा का खरबूजा! इस लज्जतदार फल जनपद ही नहीं, वरन पूरे पूर्वांचल में स्वाद के मसले पर अपनी अलग पहचान बनायी है। आज इस लाजवाब फल को प्रकृति की बुरी नजर लग गयी है। शायद यही वजह है कि अब न यहां के खरबूजे में वह पहले वाली मिठास रह गयी और न ही इसकी बोआई के प्रति किसानों का कोई खास रुझान। पहले जहां एक दिन की पैदावार प्रति बीघा 8 मन हुआ करती थी, वहीं आज यह घटकर 3 मन के आस-पास पहुंच गयी है। बताते चलें कि वर्ष 1930 के आस-पास जब जनपद के सिरकोनी विकास खण्ड अंतर्गत जमैथा गांव के लोगों ने पहली बार खरबूजा की खेती की थी तो शायद यह सोचा भी नहीं रहा होगा कि उत्तर प्रदेश के पटल पर गांव की पहचान इसी फल से ही बनेगी। यह खरबूजा जनपद ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वांचल में निर्यात किया जाता है। इस फल के मिठास का असली राज का पता लगाने की कोशिश करें तो पायेंगे कि किसानों द्वारा बुआई में जैविक खादों का ज्यादातर इस्तेमाल करना है। गांव के बुजुर्ग किसानों का कहना है बोआई के पूर्व काश्तकार इन खाली पड़े खेतों में पशुओं के गोबर व मूत्र को जैविक खाद के रुप में इस्तेमाल करते हैं। फरवरी माह के पहले सप्ताह से करीब एक माह तक खरबूजों की बोआई का कार्यक्रम चलता है। औसतन प्रति बीघा के हिसाब से 1 कुंतल खरी, 20 किग्रा. डाई तथा 1 किग्रा. खरबूजे का बीज प्रयोग में लाया जाता है। पहले यह शानदार फल यहां करीब 1 मई के बाद से ही खेतो से निकलने लगता था।


    -->


    जमैथा की खरबूजे की मिठास तभी कायम रह सकती है जब पुरवईया हवा चले। इसकी पैदावार बलुई मिट्टी में होती है। जो नदी का पानी बढ़ने या दो-तीन साल में आने वाली बाढ़ के सहारे खेतों में पहुंचती है। ऐसा न होने पर खरबूजे की मिठास पर असर पड़ता है।




    तरबूज़ की शान ही और है गर्मी से रहत जिसे देखते ही होने लगती है |तरबूज़ एक लम्बी अवधि वाली फ़सल है जिसकी ज़्यादा तापमान होने पर अधिक वृद्धि होती है इसलिए इसकी खेती अधिक तापमान वाले क्षेत्रों में की जाती है इसकी स्वाभाविक वृद्धि के लिए ३६ से ३९ सेल्सियस तापमान अनुकूल माना गया है। तरबूज़ की खेती अत्यधिक रेतीली मिट्टी से लेकर चिकनी दोमट मिट्टी तक में की जा सकती है जौनपुर में गोमती नदी के किनारे विशेष रुप से इसकी खेती की जाती है|



    गर्मी के मौसम में तरबूज प्राकृतिक वरदान साबित होता है।यह शरीर में होने वाली घातक बीमारियों से बचाता है। चिकित्सा विशेषज्ञों की राय में लाभकारी तरबूज का सेवन गर्मी के दिनों में नियमित रूप से करना चाहिए।इसको खाने के बहुत से फायदे है जैसे खाना खाने के उपरांत तरबूज़ का रस पीने से भोजन शीघ्र पचना। नींद आने में आसानी ,लू लगने का दर नहीं रहता उसे जो इसके रस का सेवन कर के घर से बहार निकलता है,तरबूज मोटापे को कम करता है ,पोलियो के रोगियों में ख़ून को बढ़ाना और साफ़ करना, त्वचा रोगों में फ़ायदेमंद,पेशाब में जलन पर ओस या बर्फ़ में रखे हुए तरबूज़ के रस का सुबह शक्कर मिलाकर पीने से लाभ होता है ,गर्मी में नित्य तरबूज़ के ठंडा शरबत से शरीर शीतल और चेहरा चमकदार होना रहता है |लाल गूदेदार छिलकों को हाथ-पैर, गर्दन व चेहरे पर रगड़ने से सौंदर्य निखरना। तरबूज़ में विटामिन ए, बी, सी तथा लौहा भी प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिससे रक्त सुर्ख़ व शुद्ध होता है। एक भारतीय-अमरीकी वैज्ञानिक ने दावा किया है कि तरबूज़ वायग्रा-जैसा असर भी पैदा करता है और यह सेक्स टॉनिक भी है |


    इस बार गर्मियों में खरबूजे और तरबूज का सेवन करें और अपनी सेहत बनाएं लेकिन ध्यान रहे मौसम के पहले आये हुए तरबूज और खरबूजे से सावधान |इनका सेवन आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है |
    दिखावों पे ना जाओ अपनी अक्ल लगाओ :आक्सीटोसिन इंजेक्सन का कमाल

    kharbuz

    • Blogger Comments
    • Facebook Comments

    0 comments:

    एक टिप्पणी भेजें

    हमारा जौनपुर में आपके सुझाव का स्वागत है | सुझाव दे के अपने वतन जौनपुर को विश्वपटल पे उसका सही स्थान दिलाने में हमारी मदद करें |
    संचालक
    एस एम् मासूम

    Item Reviewed: बाज़ारों मैं खुशबूदार खरबूजे दिखाई पड़ने लगे | Rating: 5 Reviewed By: S.M.Masoom
    Scroll to Top