तरबूज़ की शान ही और है गर्मी से राहत जिसे देखते ही होने लगती है | तरबूज़ एक लम्बी अवधि वाली फ़सल है जिसकी ज़्यादा तापमान होने पर अधिक वृद्धि होती है इसलिए इसकी खेती अधिक तापमान वाले क्षेत्रों में की जाती है इसकी स्वाभाविक वृद्धि के लिए ३६ से ३९ सेल्सियस तापमान अनुकूल माना गया है। तरबूज़ की खेती अत्यधिक रेतीली मिट्टी से लेकर चिकनी दोमट मिट्टी तक में की जा सकती है जौनपुर में गोमती नदी के किनारे विशेष रुप से इसकी खेती की जाती है|
गर्मी के मौसम में तरबूज प्राकृतिक वरदान साबित होता है।यह शरीर में होने वाली घातक बीमारियों से बचाता है। चिकित्सा विशेषज्ञों की राय में लाभकारी तरबूज का सेवन गर्मी के दिनों में नियमित रूप से करना चाहिए।इसको खाने के बहुत से फायदे है जैसे खाना खाने के उपरांत तरबूज़ का रस पीने से भोजन शीघ्र पचना। नींद आने में आसानी ,लू लगने का दर नहीं रहता उसे जो इसके रस का सेवन कर के घर से बहार निकलता है,तरबूज मोटापे को कम करता है ,पोलियो के रोगियों में ख़ून को बढ़ाना और साफ़ करना, त्वचा रोगों में फ़ायदेमंद,पेशाब में जलन पर ओस या बर्फ़ में रखे हुए तरबूज़ के रस का सुबह शक्कर मिलाकर पीने से लाभ होता है ,गर्मी में नित्य तरबूज़ के ठंडा शरबत से शरीर शीतल और चेहरा चमकदार होना रहता है |लाल गूदेदार छिलकों को हाथ-पैर, गर्दन व चेहरे पर रगड़ने से सौंदर्य निखरना। तरबूज़ में विटामिन ए, बी, सी तथा लौहा भी प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिससे रक्त सुर्ख़ व शुद्ध होता है। एक भारतीय-अमरीकी वैज्ञानिक ने दावा किया है कि तरबूज़ वायग्रा-जैसा असर भी पैदा करता है और यह सेक्स टॉनिक भी है |
गर्मी का मौसम आते ही अनेक विशेषताओं के स्वामी तरबूज़ की मांग भी बढ़ जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि तरबूज़ का इस्तेमाल, स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है और मानव शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है। सूरज की गर्मी बढ़ने और तापमान में वृद्धि के साथ ही हर स्थान पर लोग तरबूज़ का क्रय-विक्रय आरंभ कर देते हैं और उसके शरबत का भी सेवन करते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि तरबूज़ में विटामिन ए, बी और सी प्रचुर मात्रा में होता है। तरबूज़ विभिन्न प्रकार के रोगों के लिए भी लाभदायक है और उससे हृदय और मस्तिष्क को मज़बूत होता है।
गर्मी के मौसम में तरबूज़ का सेवन जिस प्रकार स्वास्थ्य के साथ साथ मन को ताज़ा रखने के लिए लाभदायक है उसी प्रकार इसके बीज में भी अनेक गुण छिपे हुए हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार तरबूज़ के बीज दिल की बीमारियों के साथ साथ डायबिटीज़ अर्थात मधुमेह तथा त्वचा के लिए भी लाभदायक हैं। शोध के अनुसार तरबूज़ के बीज में मौजूद आयरन, पोटैशियम और विटामिन से बाल मज़बूत होते हैं और ये चेहरे पर मौजूद धब्बे दूर करने में प्रभावी होते हैं। लोग इसलिए तरबूज़ के बीज फेंक देते हैं क्योंकि इसके लाभ से अनभिज्ञ होते हैं।
तरबूज़ एक रसीला और स्वादिष्ट फल है। कोई भी फल तरबूज़ से अधिक मनुष्य की प्यास नहीं बुझा सकता। विटामिन-सी और बीटा कैरोटिन जो इस फल में होता है वह हृदय रोगों और बड़ी आंत के कैंसर के ख़तरे को कम कर देता है। तरबूज़ का रस पीने से गुर्दे और मूत्राश्य के बैक्टिरिया मर जाते हैं। इस फल के हरे छिलके और लाल गूदे के बीच जो सफेद रंग का गूदा होता है उसमें भी अनके खनिज लवण पाए जाते हैं जिनमें कैल्शियम, मेनीज़ियम, फ़ासफोरस, पोटेशियम, सोडियम, थोड़ी मात्रा में तांबा, लोहा और जस्ता भी होता है। तरबूज़ शरीर के अतिरिक्त विषैले पदार्थों को भी निकाल देता है। तरबूज़ में एंटी आक्सीडेट्स भी पाए जाते हैं जो अस्थमा के रोग को नियंत्रण में प्रभावी होते हैं। इससे धमनियों और शिराओं की दीवारों पर चर्बी जमने की प्रक्रिया भी नियंत्रित होती है जिससे हृदय रोग का ख़तरा कम हो जाता है।
तरबूज़ एक रसीला और स्वादिष्ट फल है। कोई भी फल तरबूज़ से अधिक मनुष्य की प्यास नहीं बुझा सकता। विटामिन-सी और बीटा कैरोटिन जो इस फल में होता है वह हृदय रोगों और बड़ी आंत के कैंसर के ख़तरे को कम कर देता है। तरबूज़ का रस पीने से गुर्दे और मूत्राश्य के बैक्टिरिया मर जाते हैं। इस फल के हरे छिलके और लाल गूदे के बीच जो सफेद रंग का गूदा होता है उसमें भी अनके खनिज लवण पाए जाते हैं जिनमें कैल्शियम, मेनीज़ियम, फ़ासफोरस, पोटेशियम, सोडियम, थोड़ी मात्रा में तांबा, लोहा और जस्ता भी होता है। तरबूज़ शरीर के अतिरिक्त विषैले पदार्थों को भी निकाल देता है। तरबूज़ में एंटी आक्सीडेट्स भी पाए जाते हैं जो अस्थमा के रोग को नियंत्रण में प्रभावी होते हैं। इससे धमनियों और शिराओं की दीवारों पर चर्बी जमने की प्रक्रिया भी नियंत्रित होती है जिससे हृदय रोग का ख़तरा कम हो जाता है।
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