बारिश तो इस बार अभी तक पूरी तरह से नहीं आ पायी लेकिन इस वर्षा ऋतू का असर जौनपुर वासियों पे धीरे धीरे होने लगा है |
दो दिन पहले डॉ. पवन मिश्रा ने अपने वतन से प्रेम को कुछ ऐसे व्यक्त किया था| "हमारे गांव में इस समय महिलाये झूले पर बैठ कजरी गा रही होंगी। पेंग मारे जा रहे होंगे। हलकी बारिश में भीगे ज्वान नागपंचमी की तैयारी में अखाड़े में आ जुटे होंगे और मैं यहाँ ७०० किलोमीटर दूर कम्प्यूटर तोड़ रहा हूँ। खैर आप लोग लोकभाषा में लिखे इस गीत और भाव को देखिये। "
और एक कजरी गीत लिख डाला | अब ऐसे में स्वरों और संगीत की दुनिया से जुड़े डॉ मनोज मिश्र जी कैसे चुप बैठते | उन्होंने भी इस कजरी को अपना स्वर दे डाला और इतने बेहतरीन अंदाज़ में गाया की बारिश का मज़ा दुगना हो गया |
आप सब भी इस कजरी का आनंद लें |
धन्यवाद मासूम भाई।
जवाब देंहटाएंGood group work!
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