एक समय था जब जौनपुर में एक भी न्यूज़ पोर्टल नहीं था और मैं जब भी किसी पत्रकार से इसकी चर्चा करता था तो लोग उसे सुनते तो थे लेकिन समझते थे की यह मेरे फायदे का कोई पोर्टल है जिस से मैं धन कमाऊंगा | धीरे धीरे लोग मेरी बात को समझने लगे जिसमे शिराज़ ऐ हिन्द न्यूज़ पोर्टल के राजेश श्रीवास्तव ने इसकी अहमियत को पहचाना और आज भी अपना पोर्टल कामयाबी के साथ अपनी एक पहचान बनाते हुए चला रहे हैं |
उसके बाद बहुत से प्रतिभाशाली पत्रकार और गैर पत्रकार भी आये ,जिनमे से कुछ की मेहनत तारीफ के काबिल है और आशा है की वे सब काफी आगे जायेंगे | आने वाला समय इन वेब पोर्टल्स के लिए उतना आसान नहीं दिखता जितना अभी तक था | एक तो आवश्यकता से अधिक एक ही तरह के न्यूज़ पोर्टल का आते जाना और दुसरे आपसी प्रतिस्पर्धा और तीसरे सुचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा दिशानिर्देश और मानदंड (यदि जल्द आ गयी ) के कारण जल्द ही इनकी संख्या में आने वाले वर्षों में गिरावट आयगी |
इन सबसे अधिक चिंता का विषय है कुछ पत्रकारों द्वारा एक जैसे नामो का चुनाव जिसे अंतरजाल की भाषा में समय का दुरूपयोग ही कहा जा सकता है क्यूँ की इन सभी की पहचान धीरे धीरे खोती जायगी | इनमे से जो पोर्टल पुराना होगा वही कामयाब रहेगा अंतरजाल पे | इसलिए जब भी कोई वेबपोर्टल बनाएं इस बात को पहले देख लें की कहीं आपसे मिलता जुलता डोमेन (नाम ) पहले से ही मौजूद तो तो नहीं .अन्यथा आपकी मेहनत का फायदा पहले वाले को ही पहुँचने वाला है |
जौनपुर और आस पास इस न्यूज़ पोर्टल के प्रति मैंने लोगों को सबसे पहले जागरूक किया इसलिए चाहता हूँ की इनकी सख्या बढती जाय और सभी कामयाब रहे लेकिन इसके लिए अपने अपने पोर्टल का नाम , ख़बरों के शीर्षक , और पोर्टल के विषय में अंतर रखने का प्रयास करें यदि आप आगे जाना चाहते हैं |
किसी भी वेब पोर्टल की कामयाबी आपकी वेबसाइट ट्रैफिक पे निर्भर करती है | आज तो कम तकनीकी जानकारी के कारण व्यापारी भी समझ नहीं पाते की किसी न्यूज़ पोर्टल वेबसाइट की ट्रैफिक कितनी है और इसकी महत्वाता क्या है लेकिन आने वाले समय में व्यापारी भी जागरूक होगा और वो उन्ही को विज्ञापन देगा जिनके वेबसाइट की ट्रैफिक (विजिटर ) अधिक होंगे इसलिए आने वाले समय के लिए तैयार रहे और दूसरों की पहचान को अपनाने की जगह अपनी एक पहचान बनाएं और कोशिश करें आपके पोर्टल पे कम से कम ढाई लाख लोग प्रति माह आया करें यदि आप सच में एक कामयाब न्यूज़ पोर्टाल के मालिक बन्ना चाहते हैं तो |
लेखक एस एम् मासूम
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उसके बाद बहुत से प्रतिभाशाली पत्रकार और गैर पत्रकार भी आये ,जिनमे से कुछ की मेहनत तारीफ के काबिल है और आशा है की वे सब काफी आगे जायेंगे | आने वाला समय इन वेब पोर्टल्स के लिए उतना आसान नहीं दिखता जितना अभी तक था | एक तो आवश्यकता से अधिक एक ही तरह के न्यूज़ पोर्टल का आते जाना और दुसरे आपसी प्रतिस्पर्धा और तीसरे सुचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा दिशानिर्देश और मानदंड (यदि जल्द आ गयी ) के कारण जल्द ही इनकी संख्या में आने वाले वर्षों में गिरावट आयगी |
इन सबसे अधिक चिंता का विषय है कुछ पत्रकारों द्वारा एक जैसे नामो का चुनाव जिसे अंतरजाल की भाषा में समय का दुरूपयोग ही कहा जा सकता है क्यूँ की इन सभी की पहचान धीरे धीरे खोती जायगी | इनमे से जो पोर्टल पुराना होगा वही कामयाब रहेगा अंतरजाल पे | इसलिए जब भी कोई वेबपोर्टल बनाएं इस बात को पहले देख लें की कहीं आपसे मिलता जुलता डोमेन (नाम ) पहले से ही मौजूद तो तो नहीं .अन्यथा आपकी मेहनत का फायदा पहले वाले को ही पहुँचने वाला है |
जौनपुर और आस पास इस न्यूज़ पोर्टल के प्रति मैंने लोगों को सबसे पहले जागरूक किया इसलिए चाहता हूँ की इनकी सख्या बढती जाय और सभी कामयाब रहे लेकिन इसके लिए अपने अपने पोर्टल का नाम , ख़बरों के शीर्षक , और पोर्टल के विषय में अंतर रखने का प्रयास करें यदि आप आगे जाना चाहते हैं |
किसी भी वेब पोर्टल की कामयाबी आपकी वेबसाइट ट्रैफिक पे निर्भर करती है | आज तो कम तकनीकी जानकारी के कारण व्यापारी भी समझ नहीं पाते की किसी न्यूज़ पोर्टल वेबसाइट की ट्रैफिक कितनी है और इसकी महत्वाता क्या है लेकिन आने वाले समय में व्यापारी भी जागरूक होगा और वो उन्ही को विज्ञापन देगा जिनके वेबसाइट की ट्रैफिक (विजिटर ) अधिक होंगे इसलिए आने वाले समय के लिए तैयार रहे और दूसरों की पहचान को अपनाने की जगह अपनी एक पहचान बनाएं और कोशिश करें आपके पोर्टल पे कम से कम ढाई लाख लोग प्रति माह आया करें यदि आप सच में एक कामयाब न्यूज़ पोर्टाल के मालिक बन्ना चाहते हैं तो |
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