जब भी शादी की बात चलती है तो सबसे पहली शर्त होती है लड़की कुंवारी हो , वर्जिन हो | महिलाओं की वर्जिनिटी को मूल्यों और संस्कारों से भी जोड़कर देखा जाता रहा है। लोग अक्सर यह भी कहते पाए गए हैं की सेक्स की हुयी औरत एक दागदार फल की तरह है जिसे कोई मजबूरी में तो ले सकता है लेकिन जान बूझ के नहीं लेगा | देखने सुनने में यह सभी बातें बहुत अच्छी लगती हैं लेकिन हकीकत यह है कि पुरुष प्रधान समाज के बनाए हुए यह खोखले उसूल हैं जिसे पढ़ के सबसे अधिक जिसे हंसी आती है वो है खुद महिलाएं जिनकी वर्जिनिटी को इतनी अहमियत दी जा रही होती है | ऐसा मैंने इसलिए कहा क्यूँ की कोई लड़की कुंवारी है या नहीं इसका पता करने का दो ही तरीका है एक ये की लड़की प्रेग्नेंट हो चुकी हो या लड़की खुद बता दे की वो पहले सेक्स कर चुकी है | अब ऐसी डिमांड जिसकी परख ही ना की जा सके या किसी फल का ऐसा दाग जो नज़र ही नहीं आये उसकी बातें करना हस्याद्पक नहीं तो और क्या है? अक्सर नौजवान पुछा करते हैं यह कैसे पता किया जाए की उनकी गर्लफ्रेंड या होने वाली पत्नी वर्जिन है? इसका साफ जवाब है कि इसे जानने का कोई रास्ता नहीं है।
बच्चे को जन्म देने के बाद किसी महिला के शारीरिक परिवर्तन को तो समझा जा सकता है लेकिन केवल सेक्स के बाद यह बातें करना की उसमे कोई दाग लग गया उचित नहीं क्यों की ऐसा कोई ख़ास परिवर्तन नहीं होता जिसे दाग का नाम दिया जाए | शादी के समय लड़की की वर्जिनिटी की चिंता करने की जगह यदि उसके संस्कारों और घराने की चिंता की जाए तो आगे जा के आपको एक अच्छी पत्नी मिल सकती है | वैसे भी आज के सामाजिक परिवेश को नज़र में रखते हुए देखा जाए तो आज हर नौजवान लड़का शादी के पहले कहीं ना कहीं सेक्स करने की कोशिश करता है और ५०-६०% इसमें कामयाब भी हो जाते हैं | पुरुष और महिलाओं में हस्त मैथुन की आदतें भी शादी के पहले होना आम बात है | ऐसे हालात में शादी के लिए वर्जिन तलाश करने का कोई मतलब नहीं रह् जाता और इस से ना तो लड़की दागदार हो जाती है और न ही कोई फर्क पड़ता है|
यहाँ मैं कहता चलूँ की बदचलनी और वर्जिन लड़की की तलाश दो अलग अलग विषय हैं और इनको एक दुसरे से जोड़ के देखा जाना भी सही नहीं| वर्जिनिटी खोने के कई कारन हो सकते हैं जैसे विधवा हो या तलाकशुदा हो या शादी के पहले सेक्स किया हो या हस्त मैथुन की आदत हो और इन सभी मामलों में लड़की में कोई शारीरिक परिवर्तन आया हो या दाग लग गया हो यह धारणा ग़लत है |
इसलिए अच्छे संस्कार वाली लड़की की तलाश अवश्य करें लेकिन वर्जिन या कुंवारी है या नहीं इसकी चिंता छोड़ दें |
लेखक एस एम् मासूम
बच्चे को जन्म देने के बाद किसी महिला के शारीरिक परिवर्तन को तो समझा जा सकता है लेकिन केवल सेक्स के बाद यह बातें करना की उसमे कोई दाग लग गया उचित नहीं क्यों की ऐसा कोई ख़ास परिवर्तन नहीं होता जिसे दाग का नाम दिया जाए | शादी के समय लड़की की वर्जिनिटी की चिंता करने की जगह यदि उसके संस्कारों और घराने की चिंता की जाए तो आगे जा के आपको एक अच्छी पत्नी मिल सकती है | वैसे भी आज के सामाजिक परिवेश को नज़र में रखते हुए देखा जाए तो आज हर नौजवान लड़का शादी के पहले कहीं ना कहीं सेक्स करने की कोशिश करता है और ५०-६०% इसमें कामयाब भी हो जाते हैं | पुरुष और महिलाओं में हस्त मैथुन की आदतें भी शादी के पहले होना आम बात है | ऐसे हालात में शादी के लिए वर्जिन तलाश करने का कोई मतलब नहीं रह् जाता और इस से ना तो लड़की दागदार हो जाती है और न ही कोई फर्क पड़ता है|
यहाँ मैं कहता चलूँ की बदचलनी और वर्जिन लड़की की तलाश दो अलग अलग विषय हैं और इनको एक दुसरे से जोड़ के देखा जाना भी सही नहीं| वर्जिनिटी खोने के कई कारन हो सकते हैं जैसे विधवा हो या तलाकशुदा हो या शादी के पहले सेक्स किया हो या हस्त मैथुन की आदत हो और इन सभी मामलों में लड़की में कोई शारीरिक परिवर्तन आया हो या दाग लग गया हो यह धारणा ग़लत है |
इसलिए अच्छे संस्कार वाली लड़की की तलाश अवश्य करें लेकिन वर्जिन या कुंवारी है या नहीं इसकी चिंता छोड़ दें |
लेखक एस एम् मासूम
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