एस.एम.मासूम बोले, प्रतिभाओं की कमी नहीं लेकिन अवसर तलाशने के लिए पलायन करने को मजबूर
जौनपुर। एस.एम मासूम के नाम का कहीं भी जिक्र होते ही एक सहज, सरल और मिलनसार जाने-माने ब्लागर, इतिहासकार, पत्रकार और सोशल मीडिया का जानकार ही नहीं, उसकी तकनीक पर गहरी पकड़ रखने वाला शख्स जेहन पर हावी हो जाता है। मुंबई को अपनी कर्मभूमि बना चुके एसएम मासूूम इन दिनों मोहर्रम के सिलसिले में गृह जनपद आए हुए हैं। उन्हें मलाल इस बात का है कि शर्की राज्य में एक सदी तक राजधानी रहे ऐतिहासिक शहर जौनपुर में रोजगार का अभाव है। कोई भी क्षेत्र हो प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है लेकिन अवसर के अभाव में उन्हें पलायन के लिए मजबूर होना पड़ता है। ऐसे में इन प्रतिभाओं का पूरा फायदा जौनपुर को नहीं मिल पाता।
शर्की काल से पहले 14 वीं सदी में अपने कुनबे के साथ जौनपुर में आए सैय्यद अली दाउद के वंशज करीब ढाई सौ साल पहले पानदरीबा में आकर बस गए। उसी घराने से ताल्लुक रखते हैं सैय्यद मोहम्मद मासूम। सैय्यद अली दाउद की कब्र शहर में मोहम्मद हसन इंटर कालेज के पीछे सदल्लिपुर में आज भी मौजूद है जिसकी देखरेख और चादरपोशी आस-पास की बस्ती के हिंदू परिवार करते हैं।
उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद करीब तीन दशक पहले रोजी-रोटी के सिलसिले में मायानगरी मुंबई जाकर उसे अपनी कर्मभूमि बना लेने वाले एसएम मासूम का अपनी माटी से कितना गहरा लगाव है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि साल में दो-चार बार दो-चार दिन का भी मौका मिलने पर फुरसत के पल बिताने जौनपुर आ जाते हैं। उनके आवास के किसी जमाने में आलीशान कोठी रहे होने की तस्दीक उसका जर्रा-जर्रा करता है। वहीं आज प्रभात से बातचीत में उन्होंने कहा कि वतन की अहमियत का एहसास किसी को भी तब होता है जब वह उससे दूर चला जाता है। जौनपुर की और पौराणिक और ऐतिहासिक विरासतों और यहां की प्रतिभाओं से देश-दुनिया को वाकिफ कराने का ख्याल दिल-ओ-दिमाग में आया तो वे इसके लिए प्रतिबद्ध हो गए। सन 2010 में एसएम मासूम ने अपना वेब पोर्टल हमारा जौनपुर डॉट कॉम ऑनलाइन किया। इसके जरिए यहां के पौराणिक और ऐतिहासिक स्थलों और इमारतों के साथ-साथ प्रतिभाओं से पूरी दुनिया को परिचित कराते हुए जौनपुर का गौरव बढ़ाया।
इस प्रयास में आज भी वह पूरी लगन से जुटे हुए हैं। उन्हें यूं ही जौनपुर के सोशल मीडिया के न्यूज पोर्टल का भीष्म पितामह नहीं कहा जाता। उन्होंने जौनपुर के मीडिया जगत के लोगों को न्यूज पोर्टल की न सिर्फ अहमियत बताई बल्कि उससे रू-ब-रू कराने के लिए अपना कीमती समय देकर कई पत्रकारों को खुद पोर्टल बना कर दिए। जौनपुर को नाज है उसके इतिहास और वर्तमान से दुनिया को हमेशा परिचित कराते रहने वाले अद्भुत प्रतिभा के धनी एसएम मासूम पर।
लेखक
रमेश सोनी ,पत्रकार जौनपुर 9415661137,8707318205
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जौनपुर। एस.एम मासूम के नाम का कहीं भी जिक्र होते ही एक सहज, सरल और मिलनसार जाने-माने ब्लागर, इतिहासकार, पत्रकार और सोशल मीडिया का जानकार ही नहीं, उसकी तकनीक पर गहरी पकड़ रखने वाला शख्स जेहन पर हावी हो जाता है। मुंबई को अपनी कर्मभूमि बना चुके एसएम मासूूम इन दिनों मोहर्रम के सिलसिले में गृह जनपद आए हुए हैं। उन्हें मलाल इस बात का है कि शर्की राज्य में एक सदी तक राजधानी रहे ऐतिहासिक शहर जौनपुर में रोजगार का अभाव है। कोई भी क्षेत्र हो प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है लेकिन अवसर के अभाव में उन्हें पलायन के लिए मजबूर होना पड़ता है। ऐसे में इन प्रतिभाओं का पूरा फायदा जौनपुर को नहीं मिल पाता।
शर्की काल से पहले 14 वीं सदी में अपने कुनबे के साथ जौनपुर में आए सैय्यद अली दाउद के वंशज करीब ढाई सौ साल पहले पानदरीबा में आकर बस गए। उसी घराने से ताल्लुक रखते हैं सैय्यद मोहम्मद मासूम। सैय्यद अली दाउद की कब्र शहर में मोहम्मद हसन इंटर कालेज के पीछे सदल्लिपुर में आज भी मौजूद है जिसकी देखरेख और चादरपोशी आस-पास की बस्ती के हिंदू परिवार करते हैं।
उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद करीब तीन दशक पहले रोजी-रोटी के सिलसिले में मायानगरी मुंबई जाकर उसे अपनी कर्मभूमि बना लेने वाले एसएम मासूम का अपनी माटी से कितना गहरा लगाव है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि साल में दो-चार बार दो-चार दिन का भी मौका मिलने पर फुरसत के पल बिताने जौनपुर आ जाते हैं। उनके आवास के किसी जमाने में आलीशान कोठी रहे होने की तस्दीक उसका जर्रा-जर्रा करता है। वहीं आज प्रभात से बातचीत में उन्होंने कहा कि वतन की अहमियत का एहसास किसी को भी तब होता है जब वह उससे दूर चला जाता है। जौनपुर की और पौराणिक और ऐतिहासिक विरासतों और यहां की प्रतिभाओं से देश-दुनिया को वाकिफ कराने का ख्याल दिल-ओ-दिमाग में आया तो वे इसके लिए प्रतिबद्ध हो गए। सन 2010 में एसएम मासूम ने अपना वेब पोर्टल हमारा जौनपुर डॉट कॉम ऑनलाइन किया। इसके जरिए यहां के पौराणिक और ऐतिहासिक स्थलों और इमारतों के साथ-साथ प्रतिभाओं से पूरी दुनिया को परिचित कराते हुए जौनपुर का गौरव बढ़ाया।
इस प्रयास में आज भी वह पूरी लगन से जुटे हुए हैं। उन्हें यूं ही जौनपुर के सोशल मीडिया के न्यूज पोर्टल का भीष्म पितामह नहीं कहा जाता। उन्होंने जौनपुर के मीडिया जगत के लोगों को न्यूज पोर्टल की न सिर्फ अहमियत बताई बल्कि उससे रू-ब-रू कराने के लिए अपना कीमती समय देकर कई पत्रकारों को खुद पोर्टल बना कर दिए। जौनपुर को नाज है उसके इतिहास और वर्तमान से दुनिया को हमेशा परिचित कराते रहने वाले अद्भुत प्रतिभा के धनी एसएम मासूम पर।
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रमेश सोनी ,पत्रकार जौनपुर 9415661137,8707318205
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