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जफराबाद। गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल बने हाजी हरमैन शेख सदरूद्दीन चिरागेहिन्द रहमतुल्लाह हो अलैह का सालाना उर्स हर साल की तरह इस साल भी बड़े ही शान-शौकत के साथ शुक्रवार को मनाया गया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बाबा की मजार पर माला फूल अगरबत्ती मुर्गा मलीदा चढ़ाया और चादरपोशी की, वही हिन्दू मतावलम्बियों ने बाबा की मजार की कदमपोशी की।

बीते गुरूवार की रात्रि नौ बजे हाजी बाबा का गुसुल हुआ और शुक्रवार को सुबह होते ही प्रान्त के कोने कोने से आये हुए जायरीनो से दरगाह खचाखचा भर गया। दूर दराज के जायरीनो का एक दिन पहले ही यहां पर आना शुरु हो गया था, जिन्हंे चिरागे हिन्द कमेटी की तरफ से ठहराने का इन्तजाम मुसाफिर खाने में किया गया था। सुबह के पांच बजे से लेकर पूरी रात्रि चलने वाले इस मेले में हजारों की संख्या में जायरीन इकठ्ठा होते है। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक तरफ जहां बाबा की मजार पर मुर्गा मलीदा माला फूल अगरबत्ती चढाया और अमन चौन की दुआ मांगी। वही हिन्दूमतावलम्बियों ने बाबा की मजार की कदमपोशी की और धूप अगरबत्ती चढाकर पूजा अर्चना की। दोहपर साढ़े तीन बजे पवित्र दो रकात की नमाज हाजी हरमैन के खानदान के सज्जादा नशीन डा.जुबेर शाह ने हाजी हरमैन की गुदड़ी और तलवार लेकर पढाय़ी। निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा बरनवाल के सुपुत्र युवा नेता शिवम् बरनवाल ने अपने समर्थक गुफरान खां, खुर्रम, शाह नेयाज अहमद आदि के साथ बाबा की दरगाह पर चादरपोशी कर क्षेत्र के अमन शांति हेतु बाबा से दुआयें मांगीं। शाम को लकड़ी का अखाड़ा बाबा बन्दिगी शाह की मजार से चलकर लबे रोड होता हुआ चौराहे तक आकर मेले में तब्दील हो गया। इस दौरान युवको द्वारा खतरनाक करतब दिखाये गये। मेले के दौरान औरतों ओर बच्चों ने खाने पीने की चीजे और सौन्दर्य प्रसाधन के सामानो की खरीददारी भी की। रात्रि में जश्ने कव्वाली का शानदार मुकाबला विजय भारती मऊ व इस्तियाक भारती गाजीपुरी के बीच हुआ जो कि काफी रोचक रहा और पूरी रात्रि चलता र
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