जौनपुर। आठ मोहर्रम को जनपद के सभी इलाकों में मजलिसों एवं जुलूस का आयोजन हुआ। नगर का ऐतिहासिक आठ मोहर्रम का जुलूस अपने रिवायती अंदाज में मोहल्ला नसीब खां मंडी स्थित इमामाबाड़ा नाजिम अली खां से उठा। जो अटाला मस्जिद स्थित इमामबाड़ा शेख अलताफ हुसैन पर पहुंचकर समाप्त हुआ।
ग्वालियर से आये मशहूर वैज्ञानिक जाकिर डा. कल्बे रजा नकवी ने मजलिस को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज पूरी दुनिया में इमाम हुसैन का गम इस समय मनाया जा रहा है। इमाम हुसैन ने उस समय के सबसे बड़े आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाकर न सिर्फ अपना भरा पूरा परिवार कुर्बान कर दिया बल्कि आज जो इस्लाम जिंदा है वो उनकी शहादत के दम पर ही है। आज जिस तरह से पूरी दुनिया में आतंकवाद फैल रहा है जरुरत है उसे भी हम सब मिलकर उखाड़े फेंकने में मुल्क की मदद करें, तभी इमाम हुसैन को सच्ची श्रद्धांजलि दी जाएगी। कर्बला में जिस तरह से हजरत इमाम हुसैन ने अपने छह माह के बच्चे जनाबे अली असगर की शहादत पेश करने से भी पीछे नहीं हटे। जिसके बाद अंजुमन हुसैनिया बलुआ घाट के नेतृत्व में शबीहे अलम जुलजनाह और गहवारे अली असगर बरामद हुआ। साथ ही नगर की सभी अंजुमनें नौहा मातम करने लगी। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ अटाला मस्जिद तक पहुंचा यहां इमामबाड़ा शेख इल्ताफ हुसैन से तुर्बत को निकालकर गहवारे अली असगर व जुलजनाह से मिलाया जायेगा, इस मिलन को देखकर लोगों की आंखों से आंसू छलकने लगती है जुलूस का संचालन परवेज हसन ने किया। जुलूस पुन: इमामबाड़ा नाजिम अली खां जाकर समाप्त होगा जुलूस में डा. मेहर अब्बास, शोएब अहमद, हाजी जफर अब्बास, हाजी असगर हुसैन जैदी, हैदर मेंहदी, बाकर मिर्जा, फैसल हसन तबरेज, आजम जैदी, शाहिद मेंहदी, रिजवान हैदर राजा, डा. जौहर अली खान, सहित अन्य लोग मौजूद रहे। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर सिटी मजिस्ट्रेट सीओ सिटी , शहर कोतवाल शशिभूषण राय, सभी चौकी इंचार्ज व भारी पुलिस बल तैनात रहे।
ग्वालियर से आये मशहूर वैज्ञानिक जाकिर डा. कल्बे रजा नकवी ने मजलिस को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज पूरी दुनिया में इमाम हुसैन का गम इस समय मनाया जा रहा है। इमाम हुसैन ने उस समय के सबसे बड़े आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाकर न सिर्फ अपना भरा पूरा परिवार कुर्बान कर दिया बल्कि आज जो इस्लाम जिंदा है वो उनकी शहादत के दम पर ही है। आज जिस तरह से पूरी दुनिया में आतंकवाद फैल रहा है जरुरत है उसे भी हम सब मिलकर उखाड़े फेंकने में मुल्क की मदद करें, तभी इमाम हुसैन को सच्ची श्रद्धांजलि दी जाएगी। कर्बला में जिस तरह से हजरत इमाम हुसैन ने अपने छह माह के बच्चे जनाबे अली असगर की शहादत पेश करने से भी पीछे नहीं हटे। जिसके बाद अंजुमन हुसैनिया बलुआ घाट के नेतृत्व में शबीहे अलम जुलजनाह और गहवारे अली असगर बरामद हुआ। साथ ही नगर की सभी अंजुमनें नौहा मातम करने लगी। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ अटाला मस्जिद तक पहुंचा यहां इमामबाड़ा शेख इल्ताफ हुसैन से तुर्बत को निकालकर गहवारे अली असगर व जुलजनाह से मिलाया जायेगा, इस मिलन को देखकर लोगों की आंखों से आंसू छलकने लगती है जुलूस का संचालन परवेज हसन ने किया। जुलूस पुन: इमामबाड़ा नाजिम अली खां जाकर समाप्त होगा जुलूस में डा. मेहर अब्बास, शोएब अहमद, हाजी जफर अब्बास, हाजी असगर हुसैन जैदी, हैदर मेंहदी, बाकर मिर्जा, फैसल हसन तबरेज, आजम जैदी, शाहिद मेंहदी, रिजवान हैदर राजा, डा. जौहर अली खान, सहित अन्य लोग मौजूद रहे। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर सिटी मजिस्ट्रेट सीओ सिटी , शहर कोतवाल शशिभूषण राय, सभी चौकी इंचार्ज व भारी पुलिस बल तैनात रहे।
इसी क्रम में आठ मोहर्रम पर वास्ती हाउस मुफ्ती मोहल्ला में बाद नमाज जोहर आठ मोहर्रम का जुलूस उठाया गया। मजलिस को जौनपुर अजादारी कौसिंल के प्रवक्ता असलम नकवी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि इस्लाम शांति का मजहब है। जुलूस के साथ अंजुमन सज्जादिया मुफ्ती मोहल्ला का दस्ता नौहा और मातम करते हुए चल रहा था। जुलूस में , मेंहदी भाई, जौनपुर अजादारी कौसिंल के संगठन सचिव जाफर अब्बास उर्फ जफ्फू, अनवार आब्दी, हसन जाहिद खां, तहसीन अब्बास सोनी, तालिब रजा शकील एडवोकेट, , मो. ताहा इत्यादि रहे।
इसी क्रम में जौनपुर अजादारी कौसिंल के उपाध्यक्ष इरशाद जैदी के आवास गड़ही उर्दू बाजार से आठ मोहर्रम का जुलूस उठाया गया। जुलूस की मजलिस को मौलाना ने खिताब फरमाया। बाद खत्म मजलिस, अलम व तुर्बत बरामद हुई। जिसकी उपस्थिजनों ने जियारत किया व जुलूस के साथ अंजुमन कौसरिया व शहर की अन्य अंजुमनों ने नौहा और मातम किया। जुलूस दलेल खां के इमामबाड़े में आकर हुआ। जिसमें इरशाद हुसैन जैदी, समीउल हसन, तहसीन अब्बास सोनी, मासूम हुसैन, सरदार हुसैन बबलू, मौजूद रहे।
Become a Patron!इसी क्रम में जौनपुर अजादारी कौसिंल के उपाध्यक्ष इरशाद जैदी के आवास गड़ही उर्दू बाजार से आठ मोहर्रम का जुलूस उठाया गया। जुलूस की मजलिस को मौलाना ने खिताब फरमाया। बाद खत्म मजलिस, अलम व तुर्बत बरामद हुई। जिसकी उपस्थिजनों ने जियारत किया व जुलूस के साथ अंजुमन कौसरिया व शहर की अन्य अंजुमनों ने नौहा और मातम किया। जुलूस दलेल खां के इमामबाड़े में आकर हुआ। जिसमें इरशाद हुसैन जैदी, समीउल हसन, तहसीन अब्बास सोनी, मासूम हुसैन, सरदार हुसैन बबलू, मौजूद रहे।
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