नए साल पर मैंने अपने अमन के वास्ते चन्द गुजारिशे की थी.. यह गुजारिश मेरे अहले वतन और मिरे प्यारे हमवतनो की खातिर है. देश में इस समय ज़मीं की नमी ख़तम होने को है तो मुहब्बत की ऐसी बारिश की दुआ मांगी थी कि सदियों सदियों तक दिलो से गीलापन ख़त्म ना हो. आँखों में पानी बना रहे.
नफरत और भ्रम ये दो चीजे ऐसी है जिससे देश आज तबाही के मुहाने पर आ गया है मै ईश्वर से आशीर्वाद के रूप में इन चीजो को ख़तम करना मागता हूँ क्युकी इनसान अब अपना ज़मीर बेच कर उपदेश देने लगा है .
मेरे मन की मुराद पूरी कर मौला.
नए साल पर पूरी कर मेरे मन की मुराद मौला
मिरे वतन के सीने पर ना हो कोई फसाद मौला
बच्चों का आँगन ना छूटे, बूढ़े नींद चैन की सोवें
बहने चहके चिडियों सी माओं की गोद आबाद मौला
रोटी कपडा मकान हर इक शख्स को हासिल हो
प्यार की फ़स्ल उगाये ज़मी रहे दिल शाद मौला
अली खेले होली, सिवई खिलाये घनश्याम ईद की
गंगा जमुना का पानी अब और नाहो बरबाद मौला
आज जौनपुर ब्लोगर पे यह कविता डाल रहा हूँ .आशा है आप सभी को पसंद आएगी
बढ़िया...जरुर मौला आपकी मुराद पूरी करें.
जवाब देंहटाएंबच्चों का आँगन ना छूटे, बूढ़े नींद चैन की सोवें
जवाब देंहटाएंबहने चहके चिडियों सी माओं की गोद आबाद मौला
मौला आपकी इच्छा जरुर पूरी करेंगे ....
Bahut Khub
जवाब देंहटाएंबढ़िया आवाज़,अमन का पैगाम लिए बढ़िया रचना.
जवाब देंहटाएंThis is really a start for peaceful life. We find the way & innovative through this throught.
जवाब देंहटाएंHope in future we will get all like this.
Neel Shukla