अभी अगले महीने जो महीना आयगा उसे अरबी में "ज़िलहिज्ज " का महीना कहते हैं | इस महीने को जौनपुर और आस पास के इलाके में "बक़रीद " के नाम से भी जाना जाता है |
इसी तरह इस "तेरह तेजी " नाम का भी एक इतिहास है और इस महीने का अरबी नाम सफर है | महमूद शाह शार्की की पत्नी थी राजे बीबी जिसकी चाह के कारण महमूद शाह ने लाल दरवाज़ा महल, लाल दरवाज़ा मस्जिद इत्यादि बड़े खूबसूरत इमारतें बनवाई | बीबी राजे बड़ी विद्वान और राजनीति में निपुण थी और राज्य के काम काज में काफी दखल रखती थी |
बीबी राजे ने अपने समय में अरबी महीनो के कुछ नाम प्रचलित किये थे जिस से अनपढ़ महिलाओं को इन्हें याद करने में आसानी हो | जिनमे से कुछ नाम इस प्रकार हैं --
अरबी नाम ---------बीबी राजे का दिया नाम |
मुहर्रम --- दाहा ,
सफ़र --- तेरज तेजी ,
रबिउल अव्वल --- बारा वफात
रबीउल आखिर --- बड़े पीर
जमादी अव्वल --- मदार
जमादी आखिर ---ख्वाजा मुइनुद्दीन
रजब --- मह रज्जब
शाबान -- शुबेरात
रमजान -- रोजा
शव्वाल -- ईद
जीकाद -- खाली
ज़िलहिज्ज - बकरीद

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