अजगरा लालगंज प्रतापगढ़ में है महाभारत के समय का प्राचीन अजगर बाबा मंदिर और यक्ष की निशानिया |
जौनपुर के ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व को अंतर्जाल पे कीवन प्रदान करने के बाद इस बात की आवश्यकता महसूस हुयी की जौनपुर और इसके आस पास के समाज और इतिहास को भी पेश किया जाय जिस से यहां के इतिहास को और अच्छे तरीके से समझा जा सके क्यों की जौनपुर के तार अयोध्या प्रतापगढ़ बिहार और आस पास के इलाक़े से जुड़े हुए हैं | धार्मिक महत्व की बात करें तो जौनपुर ,अयोध्या और रामचंद्र जी के वनवास , महृषि दुर्वासा , परशुराम की निशानियों को आज भी अपने आप में संजोये हुए है |
जौनपुर आस पास की कड़ी में पटना का मनेर बड़ी दरगाह , प्रतापगढ़ का बेल्हा देवी मंदिर के बाद मैंने रुख किया "अजगरा " का जो प्रतापगढ़ के रानीगंज इलाक़े में स्थित है | यहां पे एक अजगर बाबा का प्राचीन मंदिर है और एक तालाब जहाँ के लिए मान्यता है की अपने सफर के दौरान पांडवों ने एक तालाब में पानी पीया था जिसका मालिक एक यक्ष था |
अजगरा प्रतापगढ़ शहर से १९ किमोमीटर की दूरी पे लखनऊ वाराणसी राज मार्ग पे स्थित है | एक पौराणिक कथा के अनुसार इंद्रासन प्राप्त राजा नहुष अगस्त ऋषि के श्राप से शापित होकर अजगर के रूप में परिवर्तित होकर इसी जगह पर गिरे थे जिसकी वजह से इस जगह का नाम अजगरा पड़ा श्राप के अनुसार द्वापर युग के अंतिम समय में वनवासी पांडवों में श्रेष्ठ युधिष्ठिर के दर्शन से उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ।
यहीं पर राजा नहुष का वह विख्यात सरोवर है जिसका जल पीने से चार पांडवों की मृत्यु हो गई थी परंतु सरोवर के किनारे स्थित विशाल वृक्ष पर रहने वाले यक्ष के कठिन प्रश्नों का विवेक पूर्ण उत्तर देकर युधिष्ठिर ने अपने सभी भाइयों का जीवन वापस प्राप्त किया था। यहां पर एक अति प्राचीन वृक्ष का अवशेष निर्झर प्रतापगढ़ी द्वारा खोजा गया और पुरातत्ववेत्ताओं द्वारा उसकी प्राचीनता की गणना करके उसे प्रमाणित कर यहां पर संरक्षित किया गया। अजगरा रानीगंज का यह स्थल आज विश्व विख्यात है हर साल यहां पर विशाल एवं भव्य मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें देश विदेश के कलाकार अपनी सहभागिता प्रस्तुत करते हैं।
अजगरा इलाक़े में नागबाबा मंगल गिरी से मुलाक़ात हुयी बहुत सी ज्ञान भरी बातें हुयी | "यक्ष" की बारे में जाना | जैसे आदिकाल में प्रमुख रूप से ये रहस्यमय जातियां थीं। देव,दैत्य,दानव, राक्षस,यक्ष,गंधर्व,अप्सराएं, पिशाच,किन्नर, वानर, रीझ,भल्ल, किरात, नाग आदि। ये सभी मानवों से कुछ अलग थे। इन सभी के पास रहस्यमय ताकत होती थी यक्ष, अप्सरा, किन्नरी आदि की साधना जल्दी पूरी होती है, क्योंकि इनके लोक पृथ्वी से पास हैं।

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