जौनपुर। लगातार हो रही बरसात की वजह से उफान पर आई गोमती को देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है। जिलाधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी ने गोमती की निगरानी के लिए एडीएम व सिटी मजिस्ट्रेट को नामित किया है। सभी एसडीएम को भी कटाव की जानकारी देने का निर्देश दिया गया है। तेज बरसात की वजह से
गोमती का जलस्तर में 16 फिट ऊपर तक पहुंच गया है।
हालांकि अभी भी यह खतरे के निशान से 12 फिट नीचे है। वर्ष 1980 में गोमती का जलस्तर 35 फिट पहुंचने
पर नगर में आई बाढ़ से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। उधर, पीली नदी का जलस्तर बढ़ने से बदलापुर क्षेत्र का रपटा पुल डूबने से 24 गांवों के लोगों का संपर्क पहले ही टूट चुका है।
महज एक सप्ताह के भीतर जलस्तर आठ फिट से बढ़ते हुए 16 फिट पहुंचना आने वाले खतरे की आहट के रूप में देखा जा रहा है। शास्त्री पुल के निकट चकप्यारअली में रह रहे लोगों के घरों तक पानी पहुंच चुका है। यदि इसी तरह बरसात होती रही तो बलुआ घाट, गोकुलघाट, हनुमानघाट, जोगियापुर, मियांपुर व नखास में रह
रहे लोगों के घरों में पानी पहुंच जाएगा। पानी कम होने की बजाए बढ़ने से आस- पास के लोगों का डर भी बढ़ रहा है। ऐसे में डीएम ने बाढ़ नियंत्रण कमेटी का गठन कर दिया है। एडीएम व सिटी मजिस्ट्रेट नगर गोमती की स्थिति की जानकारी डीएम को मुहैया कराएंगे, जबकि सभी एसडीएम को भी अपने आस-पास के क्षेत्रों पर नजर रखने को कहा गया है। बारिश के साथ ही सई नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। 1960 में इसी तरह बारिश के दौरान सई नदी का जलस्तर बढ़ने से गई गांव जलमग्न हो गए थे।
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