जौनपुर शार्की राज्य में विद्या का महत्त्वपूर्ण केंद्र बना उस दौर में लोग "दार्रुस्सोरूर शिराज़ ऐ हिन्द" के नाम से जानते थे | लेकिन आज के जौनपुर को देखते हुए मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं की मिस्र और स्पेन की तरह जौनपुर भी अपनी इस विद्या भण्डार को महफूज़ ना कर सका |
आज आपको जौनपुर आने पे चारों तरफ मजारें, कब्रें देखने को मिलेंगे जो उस समय के शाहजादों,बादशाहों,सेनापतियों,जर्नलों,सुलतान,
सूफियों और ज्ञानियों की है | आज बहुत से मजारों पे उर्स भी लगता है और तरह तरह की किवदंतियां भी मशहूर है लेकिन उनके बारे में जानने वाले बहुत कम है और बहुत बार तो यह देखा गया है की वहाँ उर्स लगाने वाले भी नहीं जानते की इन मजारों का इतिहास क्या है | म्रत्यु के निर्मम हाथों ने इन्हें मिटटी का ढेर बना दिया जो हर दौर में होता है लेकिन जौनपुर इनके इतिहास को नहीं संभाल सका जबकि इनकी बर्बादी का मुख्या कारण सिकंदर लोधी का आक्रमण है जिसने ८०% जौनपुर को तहस नहस कर दिया |
शार्की समय में मुख्य जौनपुर सिपाह ,चाचक्पुर ,बेगम गंज ,पानदरीबा,पुरानी बाज़ार लाल दरवाज़ा इलाके में फैला था जिनमे शार्की समय के सुन्दर महलात से ले के फ़ौज को छावनी तक मौजूद थी | मैंने अपने लेख में ऐसी बहुत से मजारों का ज़िक्र किया है जिनके साथ ज्ञानियों और बादशाहों का नाम जुडा हुआ है |
ये एक ऐसा शहर है जहां रामचंद्र जी करार बीर दैत्य का अंत करने आये, तो यहाँ पे दुर्वास ऋषि ,यमदग्नि ऋषि ,कोठिया बीर ,परशुराम , जैसे लोग आके बस गए और यहाँ के शांत गोमती घाट पे ताप करते समय गुज़ारा |
आज यहाँ की गोमती किनारे जहां सुंदर घाटों को होना चाहिए था वहाँ मल मूत्र और गन्दगी फैली मिला करती हैं या लावारिस खंडहर मिलते हैं |
जौनपुर तुगलक समय से राजनीति का गढ़ रहा है और शार्की समय इसका स्वर्ण युग कहा जाता है |यह और बात है की बोद्ध समय में भी इतिहासकारों के अनुसार जौनपुर व्यापार का मुख्या केंद्र रहा है | जौनपुर अपनी धरोहरों को संभालने में नाकाम रहा है और आज भी इस इंतज़ार में है की कोई तो आयगा जो इस विश्वपटल पे वो स्थान दिलायगा जो इसे मिलना चाहिए था और यहाँ की धरोहरों को संरछित करेगा जीवित करेगा |
...एस एम् मासूम


Admin and Owner
S.M.Masoom
Cont:9452060283
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
हमारा जौनपुर में आपके सुझाव का स्वागत है | सुझाव दे के अपने वतन जौनपुर को विश्वपटल पे उसका सही स्थान दिलाने में हमारी मदद करें |
संचालक
एस एम् मासूम