हिन्दू श्रावण मास जुलाई-अगस्त के पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह त्यौहार भाई का बहन के प्रति प्यार का प्रतीक है| इस दिन बहने भाइयों की कलाई पे रखी बंधती हैं और उनसे अपनी रक्षा का संकल्प लेती हैं|
रक्षा बंधन के पर्व में परस्पर एक-दूसरे की रक्षा और सहयोग की भावना निहित है और यह पर्व भाई बहनों तक ही सीमित नहीं रह गया है |रविंद्रनाथ ठाकुर ने इस पर्व पर बंग-भंग के विरोध में जनजागरण किया था और इस पर्व को एकता और भाईचारे का प्रतीक बनाया था|
मेरी नज़र में रक्षाबंधन जैसे त्योहारों को किसी धर्म विशेष से जोडके देखना उचित नहीं क्यूँ की प्यार का कोई धर्म नहीं होता | जिस तरह से सभी लोग मित्रता दिवस आज मिल के मनाते हैं उसी तरह इस त्यौहार को भी मनाने चाहिए |
मैंने अपने जीवन में २१ साल इस त्योहाल को अपने पड़ोसियों और बहनों के साथ मनाया है क्यूँ की मेरे पिताजी रेलवेज में थे और हम लोग रेलवे कॉलोनी में रहा करते थे जहां जाती धर्म से बड़ा पडोसी धर्म हुआ करता है |
लेकिन यह रिश्ता भी वैसे ही प्रेम का रिश्ता है जैसे की दोस्ती का रिश्ता हुआ करता है जिसे बनाने से अधिक निभाना आना चाहिए | बहुत बार ऐसा देखा गया है की लोग किसी कारणवश भाई बहन के रिश्ते बना तो लेते हैं राखी बाँध के या बंधवा के लेकिन निभा नहीं पाते | बहुत बार ये रिश्ते राजनितिक कारणों से भी बनाए जाते हैं जो समय के साथ टूट जाया करते हैं |
एस एम् मासूम
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