कचहरी रोड स्थित शेखेपुर निवासी सानिया हसन कक्षा 11 और उसका चचेरा भाई कासिम अब्बास कक्षा नौ में पढ़ता है। वे शनिवार को अपने स्कूल रिजवी लर्नर्स पढ़ने के लिए गए थे। वहां से दोपहर दोनों साथ लौट रहे थे। कुछ बच्चे सद्भावना पुल के पास विसर्जन घाट से चायनीज मांझे के सहारे पतंग उड़ा रहे थे। वहां पतंग का चायनीज मांझा स्कूटी चला रही सानिया के गले में फंस गया। वह जब तक गाड़ी रोकती तब तक मांझा से उसका गला काफी कट गया। इससे उसके गले से खून निकलने लगा। आस-पास के लोग जुट गए वहीं दूसरी ओर पतंग उड़ा रहे बच्चे भाग खड़े हुए। लोग सानिया को अस्पताल जाने की सलाह देने लगे, किंतु वह रोते हुए उसी हाल में अस्पताल न जाकर घर पहुंची। खून निकलना बंद होने पर परिवार के लोग उसे सीओ सिटी अभिषेक सिंह के पास ले गए और शिकायत की। इसके बाद स्थानीय चिकित्सालय में उपचार कराए। सानिया के चचेरे भाई जावेद का आरोप था कि हम लोगों ने सीओ सिटी से शिकायत की, किंतु उन्होंने कोई कार्यवाही करने तक का आश्वासन नहीं दिया।
पतंग के चायनीज़ मांझे से घायल हुयी स्टूडेंट |
कचहरी रोड स्थित शेखेपुर निवासी सानिया हसन कक्षा 11 और उसका चचेरा भाई कासिम अब्बास कक्षा नौ में पढ़ता है। वे शनिवार को अपने स्कूल रिजवी लर्नर्स पढ़ने के लिए गए थे। वहां से दोपहर दोनों साथ लौट रहे थे। कुछ बच्चे सद्भावना पुल के पास विसर्जन घाट से चायनीज मांझे के सहारे पतंग उड़ा रहे थे। वहां पतंग का चायनीज मांझा स्कूटी चला रही सानिया के गले में फंस गया। वह जब तक गाड़ी रोकती तब तक मांझा से उसका गला काफी कट गया। इससे उसके गले से खून निकलने लगा। आस-पास के लोग जुट गए वहीं दूसरी ओर पतंग उड़ा रहे बच्चे भाग खड़े हुए। लोग सानिया को अस्पताल जाने की सलाह देने लगे, किंतु वह रोते हुए उसी हाल में अस्पताल न जाकर घर पहुंची। खून निकलना बंद होने पर परिवार के लोग उसे सीओ सिटी अभिषेक सिंह के पास ले गए और शिकायत की। इसके बाद स्थानीय चिकित्सालय में उपचार कराए। सानिया के चचेरे भाई जावेद का आरोप था कि हम लोगों ने सीओ सिटी से शिकायत की, किंतु उन्होंने कोई कार्यवाही करने तक का आश्वासन नहीं दिया।
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