एक संतुष्ट व्यक्ति ही एक सफल व्यक्ति हो सकता है और परिश्रम के बिना सफलता का कोई रास्ता नहीं है | ---प्रोफ़ेसर पीयूष रंजन अग्रवाल | |
जौनपुर मेरा वतन है और इसकी तरक्की के लिए काम करना यहाँ का इतिहास यहाँ की प्रतिभाएं और यहाँ के समाज की बातें दुनिया तक पहुंचाने में मुझे एक सुख की अनुभूति हुआ करती है | इसी कड़ी में इस बार जा पहुंचा वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के कुलपति प्रोफ़ेसर पियूष रंजन अग्रवाल जी से मिलने |
शिक्षा के क्षेत्र में ३४ सालों का अनुभव रखने वाले प्रोफ़ेसर पीयूष रंजन का सम्बन्ध इलाहाबाद से है जहां उन्होंने बहुत से महत्वपूर्ण पदों पे काम किया | प्रोफ़ेसर पीयूष रंजन जी ने ६ किताबें और अनगिनत रिसर्च और लेख अब तक लिखे हैं | देश विदेश में ख्याति प्राप्त प्रोफ़ेसर पीयूष रंजन जी को दो बार भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से अवार्ड भी मिल चुका है | इसके साथ साथ भी बहुत से अवार्ड प्रोफेसर पीयूष रंजन ने को उनके महत्वपूर्ण शोध के लिए मिल चुके हैं |
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के कुलपति प्रोफ़ेसर पीयूष रंजन अग्रवाल जी से कुछ महत्वपूर्ण सवाल मैंने पूछे जिनका जवाब आप विडियो में सुन सकते हैं | सारांश उन सवाल जवाब का आपके सामने हैं |
मैंने एक सवाल किया की पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से शिक्षा प्राप्त करने के बाद कोई स्टूडेंट अपने को विश्व स्तर पे कम्पटीशन के काबिल पाता है ? जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र पठान पाठन , अध्यात्म और ऐतिहसिल द्रष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है और यहाँ से स्टूडेंट ने विश्व के हर क्षेत्र चाहे वो व्यापार हो ,राजनीती हो, समाज हो या महवपूर्ण पद हो ,अपना एक स्थान और पहचान बनायी है । यहाँ के स्टूडेंट में जोश है आगे बढ़ने का और पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में उसके लिए सुविधाएंऔरउनका उचित मार्गदर्शन करने की छमता है और जो स्टूडेंट अनुशासित तरीके से परिश्रम करेगा वोअवश्य आगे जायगा |
आगे उन्होंने कहा की आज आईटी का युग है लेकिन इसके साथ साथ कम्पटीशन भी है ऐसे में जो स्टूडेंट आगे आने वाले समय की आवश्यकताओं को देखते हुए शोध करेगा वही आगे जा पायगा | इसलिए सफल वही है जो आगे आने वाले हुए कल को देखे |
एक महत्वपूर्ण सवाल की आज कल जहां देखिये मशरूम की तरह स्कूल कॉलेज खुलते जा रहे हैं इनका क्या भविष्य है तो उन्होंने कहा यहाँ " survival of the best" काम करेगा और वही टिकेगा जो गुणवक्ता जैसे अच्छे लैब , अच्छे अध्यापक, और सुविधाएं देगा और इसके साथ साथ बच्चों और उनके अभिभावकों को संतुष्ट करेगा | ये समय आने वाला नहीं बल्कि आ चुका है और २०१५ से इसकी शुरुआत हो चुकी है जो स्कूल या शिक्षा से जुडी संस्था इसे समय रहते पहचान लेंगी वही आगे दौड़ में टिक सकेगा |
मेरे सवाल की हमारे पूर्वांचल के इलाके के छात्रों को अपनी किन कमियों को दूर करना आवश्यक है जो उसकी तरक्की में बाधा बनती है ? और बहुत ही सुंदर जवाब था ,Communication skill , Presentation Skill , कंप्यूटर का ज्ञान और उधमशीलता |
आप अपने बच्चे को इंस्ट्रूमेंट मत मानें बल्कि उसके सेंटीमेंट्स पे भी ध्यान दें और अपने बच्चे पे आपकी अपनी मर्जी डॉक्टर या इंजीनियर बनाने की मत थोपें बल्कि उस से पूछिए वो क्या बनना चाहता है |
हमारा जौनपुर टीम की तरफ से एक बार फिर प्रोफ़ेसर पीयूष रंजन जी का धन्यवाद देता हूँ और आशा करता हूँ उनका ज्ञान और सहयोग ऐसे ही स्टूडेंट का मार्गदर्शन करता रहेगा |
संचालक हमारा जौनपुर डॉट कॉम और जौनपुर सिटी डॉट इन
एस एम् मासूम
मुझे आशा है की हमारे स्टूडेंट , अभिभावक और शिक्षक प्रोफ़ेसर पीयूष रंजन जी के इस अनुभवी और ज्ञानवर्धक , मार्गदर्शक इंटरव्यू से अवश्य लाभ उठायेंगे |
कुलपति प्रो .सुंदर लाल जी से बात चीत के कुछ अविस्मरणीय अंश
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