मध्य भारत उत्तर प्रदेश के पूर्वी छोर के भोगोलिक क्षेत्र को लोग पूर्वांचल
के नाम से भी जानते हैं |पूर्वांचल के मुख्यतः तीन भाग हैं- पश्चिम में पूर्वी
अवधी क्षेत्र, पूर्व में पश्चिमी-भोजपुरी क्षेत्र और उत्तर में नेपाल क्षेत्र । यह
भारतीय-गंगा मैदान पर स्थित है, और पश्चिमी बिहार के साथ यह दुनिया में सबसे अधिक
घनी आबादी वाला क्षेत्र है । उत्तर प्रदेश के आसपास के जिलों की तुलना में मिट्टी
की समृद्ध गुणवत्ता और उच्च केंचुआ घनत्व के कारण कृषि के लिए अनुकूल है|इस क्षेत्र
की प्रमुख भाषा या बोली भोजपुरी है | विशाल जनसंख्या और जाति मार्गदर्शित राजनीति
के कारण इस क्षेत्र की विकास गति बहुत धीमी है |नागरिक बुनियादी सुविधाओं की कमी,
उचित ग्रामीण शिक्षा और रोजगार, अंधकारमय कानून और व्यवस्था, यहाँ के लोगों की
चिंता का प्रमुख कारण है जबकि यह सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र है | लोकप्रिय संस्कृति में पूर्वांचल "शूरवीरों की भूमि" के रूप में जाना जाता है ।
हिंदू धर्म , बौद्ध धर्म और जैन धर्म की उत्पत्ति पूर्वांचल है ।
पूर्वांचल विश्व के पर्यटकों को अपनी ओर खींचने की पूरी छमता रखता है यदि भारतीय पर्यटन और अधिक सुविधाएं प्रदान करे |वाराणसी , जौनपुर ,कुशीनगर, मिर्ज़ापुर पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है लेकिन सुविधाओं और जानकारी के अभाव में पर्यटक खास कर के जौनपुर नहीं आ पाते | जौनपुर प्राकृतिक संसाधनों के साथ बहुत समृद्ध हैं । इन सब के बावजूद पूर्वांचल अभी भी राज्य में सबसे पिछड़े क्षेत्रो मे से एक है । जिसका मुख्य कारण राज्य सरकार और केन्द्र सरकार द्वारा उचित ध्यान की कमी है ।
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर और गीता प्रेस मुझे वहाँ जाने पे आकर्षित करता है | जौनपुर के मुख्या आकर्षण के केंद्र हैं जामा मस्जिद ,शहीद स्मारक,चार अंगुल की मस्जिद-,मस्जिद लाल दरवाजा
,झझरी मस्जिद,अटाला मस्जिद,शाही किला,शाही पुल,शीतला चौकियां, इमामपुर रौज़ा इमाम हुसैन ,महल राजा जौनपुर, बारादरी, राजा जयचंद के किले के खंडहर और जफराबाद के ऐतिहासिक स्थल, स्गाह फ़िरोज़ का मकबरा और यहाँ आने से सबसे बढ़िया समय है फ़रवरी से अप्रैल और सितम्बर से दिसम्बर |
पूर्वांचल विश्व के पर्यटकों को अपनी ओर खींचने की पूरी छमता रखता है यदि भारतीय पर्यटन और अधिक सुविधाएं प्रदान करे |वाराणसी , जौनपुर ,कुशीनगर, मिर्ज़ापुर पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है लेकिन सुविधाओं और जानकारी के अभाव में पर्यटक खास कर के जौनपुर नहीं आ पाते | जौनपुर प्राकृतिक संसाधनों के साथ बहुत समृद्ध हैं । इन सब के बावजूद पूर्वांचल अभी भी राज्य में सबसे पिछड़े क्षेत्रो मे से एक है । जिसका मुख्य कारण राज्य सरकार और केन्द्र सरकार द्वारा उचित ध्यान की कमी है ।
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