जौनपुर में अघोषित विद्युत कटौती और बिजली व्यवस्था की बदहाल हालत कोई नयी बात नहीं है | जब जब कोई नया नेता आता है जनता आस लगा लेती है की इस बार कुछ ठीक होगी बिजली की व्यवस्था लेकिन होता कुछ नहीं और जनता विरोध दर्ज कर करा के थक हार के चुप बैठ जाती है अगले इलेक्शन के इंतज़ार में |
जब यह मोदी सरकार केंद्र मी आये है एक नयी राजनीति बिजली व्यवस्था में शुरू हो गयी है | ख़बरों के अनुसार सपा सरकार अब जनता से बदला लेने के लिए बिजली आपूर्ति को बे पटरी कर दिया है । आज़मगढ़ में 24 घंटे और जौनपुर में बा मुश्किल 12 घंटे बिजली दी जा रही है जिसके कारण जौनपुर की जनता इस चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी से परेशान हैं। उधर बिजली विभाग चैन की नींद सो रहा हैं।
जब यह मोदी सरकार केंद्र मी आये है एक नयी राजनीति बिजली व्यवस्था में शुरू हो गयी है | ख़बरों के अनुसार सपा सरकार अब जनता से बदला लेने के लिए बिजली आपूर्ति को बे पटरी कर दिया है । आज़मगढ़ में 24 घंटे और जौनपुर में बा मुश्किल 12 घंटे बिजली दी जा रही है जिसके कारण जौनपुर की जनता इस चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी से परेशान हैं। उधर बिजली विभाग चैन की नींद सो रहा हैं।
भाजपा सांसद केपी सिंह ने कहा कि यदि जनपद की बिजली व्यवस्था में शीघ्र ही सुधार न हुआ तो इसके लिए व्यापक आंदोलन किया जाएगा। शनिवार को क्षेत्र के रामनगर में उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद से ही पूरे जिले की विद्युत व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। भीषण गर्मी व उमस से जनमानस बेहाल है। पर प्रदेश सरकार जनता से खुन्नस निकाल रही है। यदि यही हाल रहा तो आने वाले दो जून को भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मैं स्वयं जिलाधिकारी को ज्ञापन दूंगा। उसके बाद भी बिजली आपूर्ति नहीं सुधरी तो आंदोलन चलाया जाएगा। इसके पूर्व श्री सिंह छितमपट्टी गांव में गुरुवार को सड़क दुर्घटना में मृत विभूति नरायन सिंह के परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। इस दौरान उनके साथ ओम प्रकाश जायसवाल, बेचन सिंह, अजीत प्रजापति, पवन पाल, प्रविंद्र सिंह, विनोद तिवारी आदि मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज ट्रेन हादसे में मारे गये राज्यमंत्री सतई राम यादव के मातम पोर्शी करने के लिए जौनपुर आए हुए थे । सीएम का उड़न खटोला सतई राम यादव के गांव खलसहा में उतरा । अखिलेश सीधे उनके परिवार वालो से मिलकर शोक सवेदना प्रकट किया उसके बाद मिडिया से रु ब रु हुए । उन्होंने कहा बिजली एक विकराल समस्या बताते हुए स्वीकार किया कि कागजो पर तो 18 से 22 घंटे बिजली अधिकारी दे रहे है लेकिन हकीकत में यह बिजली जनता को नही मिल रही है । इसका कारण है तार जर्जर हो चुके है ट्रांसफार्मर की कमी है और पावर स्टेशनो को दुरुस्त करने काम चल रहा 2016 तक गाँवो में 18 और शहरो में 22 से 24 घंटे बिजली मिलने लगेगी ।
देखना यह है की इस बार बिजली व्यवस्था ठीक होती है या ऐसे ही सियासत होती रहती है और जनता रोटी रहती है |
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