जिले के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले और देश की आजादी के नायक राजा इदारत जहां का शहादत दिवस शनिवार को क्षेत्र के मुबारकपुर गांव स्थित शहीद स्थल पर चादरपोशी व प्रार्थना सभा कर मनाई गई। उनके प्रपौत्र राजा अंजुम हुसेन, जिला पंचायत सदस्य जया दुबे ने उनके मकबरे पर चादर चढ़ाया।
इस मौके पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश सचिव इंद्रमणि दुबे ने कहा कि 1857 में अंग्रेजों की सेना को पछाड़कर राजा इदारत जहां ने हिंदुस्तान के सर को गर्व से ऊपर उठा दिया था किंतु उनके सेनापति महताब द्वारा की गई गद्दारी के चलते उन्हें 40 साथियों के साथ धोखे से घेरकर अंग्रेजों ने बंधक बना लिया। अंग्रेजों की शर्त न मानने पर राजा इदारत जहां और सभी सैनिकों को आम के पेड़ से लटका कर फांसी दे दिया गया था। वह पेड़ आज भी उनके मकबरे के बगल स्थित है। इस मौके पर मेवालाल यादव, महेंद्र चतुर्वेदी, इंद्रबली मिश्र, अभयराज पाल आदि थे।
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