जौनपुर जिला मे ६ तहसिल है - शाहगंज, बदलापुर, मछलीशहर, जौनपुर, मडियाहु और केराकत, ३ लोकसभा सीट(एक जौनपुर जिले में पूरी तरह से है, जबकि अन्य दो मछलीशहर और सईदपुर जिले के कवर हिस्सा है)।१० विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र है। जिले को २१ विकास खंड में विभाजित किया गया है-सोंधी(शाहगंज), सुइथाकला, खुटहन, कारंजाकला, बदलापुर, महाराजगंज, सुजानगंज, बक्शा, मुंगरा बादशाहपुर, मछलीशहर, मडियाहूँ, बरसठी, रामपुर, रामनगर, जलालपुर, केराकत, डोभी, मुफ्तीगंज, धर्मापुर, सिकरारा और सिरकोनी । इसके अलावा जिले को 27 थानाओ में बांटा गया है।-कोतवाली, सदर, लाइन बाजार, जाफराबाद, खेतासराय, शाहगंज, सर्पताहन, केराकत, चंदवक, जलालपुर, सरायख्वाजा, गौर बादशाहपुर, बदलापुर, खुटहन, सिंग्रमाऊ, बक्शा, सुजानगंज, महाराजगंज, मुंगरा बादशाहपुर, पवारा, मछलीशहर, मीरगंज, सिकरारा, मडियाहूँ , रामपुर, बरसठी, नेवाधिया और सुरेरी|
जौनपुर की तहसील शाहगंज नगर भौगोलिक व ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। बौद्ध परिपथ के रूप में इसी नगर से होकर लुम्बिनी-दुद्धी राजमार्ग गुजरता है। स्वतंत्रता संग्राम में यहां के नौजवानों ने अंग्रेजों के छक्के चुदा दिए थे |शाहगंज को सिराजुद्दौला ने बसाया। शाह हजरत अली के सम्मन मे उसने एक बारादरी और एक ईदगाह का र्निमाण कराया। जनपद की सीमा पर बिजेथुआ महावीर का मंदिर भी है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि हनुमान का पैर धरती में कहां तक है पता नही लगाया जा सका। पास में मकरी कुण्ड भी है जहां हनुमान ने कालिनेम को मारा था|
इसी नगर के एराकियाना मोहल्ले में बारादरी की एक ऐतिहासिक धरोहर है। इस बारह दरवाजे वाले धरोहर का निर्माण सिराजुद्दौला ने कराया था। यहां पर उसके सैनिक ठहरते थे। इसी भवन के पीछे एक पोखरी भी है। इसमें स्नान आदि किया जाता था। समय के साथ यह ऐतिहासिक भवन जर्जर होता गया। आज खंडहर के रूप में कुछ अवशेष हैं।
जौनपुर की तहसील शाहगंज नगर भौगोलिक व ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। बौद्ध परिपथ के रूप में इसी नगर से होकर लुम्बिनी-दुद्धी राजमार्ग गुजरता है। स्वतंत्रता संग्राम में यहां के नौजवानों ने अंग्रेजों के छक्के चुदा दिए थे |शाहगंज को सिराजुद्दौला ने बसाया। शाह हजरत अली के सम्मन मे उसने एक बारादरी और एक ईदगाह का र्निमाण कराया। जनपद की सीमा पर बिजेथुआ महावीर का मंदिर भी है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि हनुमान का पैर धरती में कहां तक है पता नही लगाया जा सका। पास में मकरी कुण्ड भी है जहां हनुमान ने कालिनेम को मारा था|
इसी नगर के एराकियाना मोहल्ले में बारादरी की एक ऐतिहासिक धरोहर है। इस बारह दरवाजे वाले धरोहर का निर्माण सिराजुद्दौला ने कराया था। यहां पर उसके सैनिक ठहरते थे। इसी भवन के पीछे एक पोखरी भी है। इसमें स्नान आदि किया जाता था। समय के साथ यह ऐतिहासिक भवन जर्जर होता गया। आज खंडहर के रूप में कुछ अवशेष हैं।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
हमारा जौनपुर में आपके सुझाव का स्वागत है | सुझाव दे के अपने वतन जौनपुर को विश्वपटल पे उसका सही स्थान दिलाने में हमारी मदद करें |
संचालक
एस एम् मासूम