हिंदी भवन जौनपुर अपनी भव्यता के बूते जौनपुर कि दर्शनीय ईमारत ओर क्रियाकलापों के चलते नगर कि संस्कृतिक-साहित्यिक-सामाजिक गतिविधियों का केंद्र है | जिले का सबसे पुराना ओर सबसे बड़ा पुस्तकालय जो सन १९२० में स्थापित हुआ था आज भी यहीं मोजूद है | सबसे पुराणी साहित्यिक संस्था “जनपद हिंदी साहित्य सम्मलेन “ जो सन १९२४ में स्थापित हुई यहीं मोजूद है |
इन संस्थाओं कि स्थापना हिंदी भवन के संस्थापक स्वर्गीय बाबु रामेश्वर प्रसाद सिंह ने कि थी |
स्वर्गीय बाबु रामेश्वर प्रसाद सिंह के जन्म दिवस कि पुण्य तिथि पे हर साल यहाँ कविता,कहानी,निबंध,वाद विवाद, बाल चित्रकलाओं ओर प्रतियोगिताएं का आयोजन संस्था जूनियर ,माध्यमिक ओर सिनिअर छात्र छात्रों के लिए हर साल करती है | यहाँ व्याख्यान माला में अब तक सैय्येद हामिद ,विद्यानिवास मिश्र, ठाकुर प्रसाद सिंह, डॉ आई पी सिंह ,ओर शंकर दयाल सिंह के भाषण अब तक हो चुके हैं |
अजय कुमार ,सेवा प्रेस ,रास मंडल, जौनपुर से एक बात चीत : जानिए हिंदी भवन, सीतापुर अस्पताल जौनपुर ओर जौनपुर के साहित्यकारों के बारे में|
स्वर्गीय बाबु रामेश्वर प्रसाद सिंह के जन्म दिवस कि पुण्य तिथि पे हर साल यहाँ कविता,कहानी,निबंध,वाद विवाद, बाल चित्रकलाओं ओर प्रतियोगिताएं का आयोजन संस्था जूनियर ,माध्यमिक ओर सिनिअर छात्र छात्रों के लिए हर साल करती है | यहाँ व्याख्यान माला में अब तक सैय्येद हामिद ,विद्यानिवास मिश्र, ठाकुर प्रसाद सिंह, डॉ आई पी सिंह ,ओर शंकर दयाल सिंह के भाषण अब तक हो चुके हैं |
अजय कुमार ,सेवा प्रेस ,रास मंडल, जौनपुर से एक बात चीत : जानिए हिंदी भवन, सीतापुर अस्पताल जौनपुर ओर जौनपुर के साहित्यकारों के बारे में|
अजय कुमार जी के साथ एस एम् मासूम संचालक हमारा जौनपुर |
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