न जाने कब नारियल हिन्दू और खजूर मुसलमान हो गए..
जो भूखे पेट होते हैं,वो सिर्फ निवालों को जानते हैं.
मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है.
कि मेरा चराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है......
में अमन पसंद हूँ ,मेरे शहर में दंगा रहने दो...
लाल और हरे में मत बांटो ,मेरी छत पर तिरंगा रहने दो...!!!!!
...अना देहलवी
बहुत सार्थक सामयिक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंखाली पेट को पेट भरने से फुर्सत नहीं और भरे पेट वालों को खुरापात से फुर्सत नहीं ...
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें