वैसे तो रक्षाबन्धन हिन्दू भाइयों का त्यौहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं। लेकिन भारतवर्ष में यह त्यौहार धर्म की सीमाओं तो तोड़ता हुआ अब हर भाई बहन के प्रेम का प्रतीक बन चुका है जिसे हर धर्म के लोग मनाते हैं |
रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्व है जिसे सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बन्धियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी बाँधी जाती है।प्रातः स्नानादि से निवृत्त होकर लड़कियाँ और महिलाएँ पूजा की थाली सजाती हैं। थाली में राखी के साथ रोली या हल्दी, चावल, दीपक, मिठाई और कुछ पैसे भी होते हैं। लड़के और पुरुष तैयार होकर टीका करवाने के लिये पूजा या किसी उपयुक्त स्थान पर बैठते हैं। पहले अभीष्ट देवता की पूजा की जाती है, इसके बाद रोली या हल्दी से भाई का टीका करके चावल को टीके पर लगाया जाता है और सिर पर छिड़का जाता है, उसकी आरती उतारी जाती है, दाहिनी कलाई पर राखी बाँधी जाती है और पैसों से न्यौछावर करके उन्हें गरीबों में बाँट दिया जाता है।
इस दिन बहनें अपने भाई के दायें हाथ पर राखी बाँधकर उसके माथे पर तिलक करती हैं और उसकी दीर्घ आयु की कामना करती हैं। बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देता है। ऐसा माना जाता है कि राखी के रंगबिरंगे धागे भाई-बहन के प्यार के बन्धन को मज़बूत करते है। भाई बहन एक दूसरे को मिठाई खिलाते है। और सुख दुख में साथ रहने का विश्वास दिलाते हैं। यह एक ऐसा पावन पर्व है जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को पूरा आदर और सम्मान देता है।
बाजारों में राखियों की दुकानें सज गई हैं। कोलकाता से आई राखियों की बाजारों में जबर्दस्त मांग है। विभिन्न डिजाइन की आई आकर्षक राखियों को चुनने में बहनें जुट गई।
ओलंदगंज, चहारसू चौराहा, कोतवाली समेत जिले के छोटे-बड़े सभी बाजारों में राखियों की दुकानें सज गई हैं। राखी की दुकानों पर शाम होते-होते जबरदस्त भीड़ लग जा रही है। ओलंदगंज स्थित राखी व्यापारी अनुराग साहू ने बताया कि इस बार कोलकाता से आई राखियों की च्यादा मांग है। पांच रुपये से लेकर सौ रुपये तक की आकर्षक राखियों की खूब बिक्री हो रही है। जिसमें पतले धागे वाली राखियां ग्राहकों की पहली पसंद बन रही हैं।
छोटे-छोटे भाइयों के कलाई में इस बार म्यूजिक वाली भी ,होंगी। विभिन्न गानों की धुन वाली राखियों की बाजार में खूब मांग है। ओलंदगंज स्थित राखी व्यवसायी संजय पटवा ने बताया कि म्यूजिक वाली राखियों की कीमत 50 रुपये से शुरू है। आकर्षक दिखने वाली इन राखियों में म्यूजिक सेट किया गया है। जिसकी बिक्री जोरों पर हो रही है।
रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्व है जिसे सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बन्धियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी बाँधी जाती है।प्रातः स्नानादि से निवृत्त होकर लड़कियाँ और महिलाएँ पूजा की थाली सजाती हैं। थाली में राखी के साथ रोली या हल्दी, चावल, दीपक, मिठाई और कुछ पैसे भी होते हैं। लड़के और पुरुष तैयार होकर टीका करवाने के लिये पूजा या किसी उपयुक्त स्थान पर बैठते हैं। पहले अभीष्ट देवता की पूजा की जाती है, इसके बाद रोली या हल्दी से भाई का टीका करके चावल को टीके पर लगाया जाता है और सिर पर छिड़का जाता है, उसकी आरती उतारी जाती है, दाहिनी कलाई पर राखी बाँधी जाती है और पैसों से न्यौछावर करके उन्हें गरीबों में बाँट दिया जाता है।
इस दिन बहनें अपने भाई के दायें हाथ पर राखी बाँधकर उसके माथे पर तिलक करती हैं और उसकी दीर्घ आयु की कामना करती हैं। बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देता है। ऐसा माना जाता है कि राखी के रंगबिरंगे धागे भाई-बहन के प्यार के बन्धन को मज़बूत करते है। भाई बहन एक दूसरे को मिठाई खिलाते है। और सुख दुख में साथ रहने का विश्वास दिलाते हैं। यह एक ऐसा पावन पर्व है जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को पूरा आदर और सम्मान देता है।
बाजारों में राखियों की दुकानें सज गई हैं। कोलकाता से आई राखियों की बाजारों में जबर्दस्त मांग है। विभिन्न डिजाइन की आई आकर्षक राखियों को चुनने में बहनें जुट गई।
ओलंदगंज, चहारसू चौराहा, कोतवाली समेत जिले के छोटे-बड़े सभी बाजारों में राखियों की दुकानें सज गई हैं। राखी की दुकानों पर शाम होते-होते जबरदस्त भीड़ लग जा रही है। ओलंदगंज स्थित राखी व्यापारी अनुराग साहू ने बताया कि इस बार कोलकाता से आई राखियों की च्यादा मांग है। पांच रुपये से लेकर सौ रुपये तक की आकर्षक राखियों की खूब बिक्री हो रही है। जिसमें पतले धागे वाली राखियां ग्राहकों की पहली पसंद बन रही हैं।
छोटे-छोटे भाइयों के कलाई में इस बार म्यूजिक वाली भी ,होंगी। विभिन्न गानों की धुन वाली राखियों की बाजार में खूब मांग है। ओलंदगंज स्थित राखी व्यवसायी संजय पटवा ने बताया कि म्यूजिक वाली राखियों की कीमत 50 रुपये से शुरू है। आकर्षक दिखने वाली इन राखियों में म्यूजिक सेट किया गया है। जिसकी बिक्री जोरों पर हो रही है।
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