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    शनिवार, 30 जनवरी 2016

    डॉ रीता दुबे (सी एम् एस सदर अस्पताल) से एक मुलाक़ात

    जौनपुर सदर महिला जिला अस्पताल की सी एम् एस डॉ दुबे से जानिए जौनपुर और आस पास के गाँव में भ्रूण हत्या और महिलाओ के साथ बलात्कार के क्या कारण हैं और इन पे कैसे रोक लगाई जा सकती है ?

    डॉ रीता दुबे वैसे तो इलाहबाद की रहने वाली हैं लेकिन जौनपुर महिला सदर अस्पताल में सी एम् एस के पद पे कार्यरत हैं | डॉ रीता बताती हैं की जौनपुर के आस पास के गाँव में अभी भी शिक्षा की कमी होने के कारण परिवार नियोजन के बारे में नहीं सोंचा जाता है जिससे महिलाओं की सेहत खराब होती जाती है और अबोर्शन की नौबत आने लगती है | गाँव की महिलाएं पुरुषों पे निर्भर होने के कारण कुछ अधिक उनके खिलाफ नहीं कह सकती हैं | भ्रूण हत्या के आंकड़ों में तो कमी अवश्य आयी है लेकिन अभी भी इस विषय पे लोगों को जागरूक करना आवश्यक है |

    डॉ रीता जी का कहना है की सरकार ने सदर अस्पताल में महिलाओं को बहुत सी सुविधाएं दी हैं जिनमे मुफ्त डेलिवरी ,दवाएं इत्यादि शामिल है | यह और बात है कि सदर अस्पताल से मरीजों की शिकायतें अक्सर आया करी हैं | डॉ रीता जी का कहना है की यह संभव भी है क्यूंकि मरीजों की संख्या अधिक है और डाक्टरों की कमी है |सदर महिला अस्पताल में डॉ रीता के अनुसार 21 डॉ होने चाहिए लेकिन हैं केवल तीन | ऐसे में एक डॉ यदि एक दिन में २-३ सौ मरीज़ देखेगा तो वो मरीजों के समय कैसे दे सकेगा |

    बलात्कार के विषय में डॉ रीता का मानना है की टीवी ,मोबाइल इत्यादि का चलन गाँवो में यदि सुविधा बन के आया है तो युवाओं को गुमराह भी करने में इसका हाथ है | बलात्कार की शिकार महिलाओं में आज भी समाज में बदनामी के डर से उसे छुपा जाना आम बात है और यह एक बड़ा कारण है ऐसी घटनाओं के बार बार होने का |लेकिन जितने केस रिपोर्ट होते हैं और उनकी जांच सदर अस्पताल में होती है उनके अनुसार अक्सर महिलाएं अपने ही घर ,पड़ोस या रिश्तेदारों की वासना का शिकरा होती है |अनजान व्यक्ति द्वारा बलात्कार की घटनाएं कम ही देखने को जिला करती हैं |

    डॉ रीता का कहना है यदि बलात्कारी को सजा दिलवाना है तो बलात्कार के २४ घंटे के अंदर ही इसकी रिपोर्ट करवानी चाहिए जिस से २४ घंटे से पहले ही इसकी जांच हो सके|

    आशा है की डॉ रीता दुबे जिनके पति भी जौनपुर में डॉ हैं आप सभी उनके विचारों से लाभ उठाएंगे |

    एस एम् मासूम

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