अशोक केसरवानी
कौशाम्बी के भरवारी कस्बे में दिल्ली के तरह मीना मेला लगता है| एक दिन के इस मेला क्षेत्र में सिर्फ महिलाओ का ही प्रवेश होता है| मेला क्षेत्र में पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहता है| सैकड़ो वर्ष से लग रहे मेले में खरीदारी के आलावा खाने पीने के सामान मौजूद रहता है। यह मेला यहाँ के वार्षिक दशहरा मेले के दिन लगता है। इस मेले के आयोजको का कहना है कि बुजुर्गों ने इसकी शुरुआत के पीछे कस्बे और आस पास के महिलाओ को एक ही जगह पर उनकी जरुरत के सामानों और खाने पीने के सामान के आलावा मनोरंजन की सुविधा मुहैया कराना था, यह परंपरा आज भी कायम है।
कौशाम्बी जिले की व्यवसायिक नगरी भरवारी कस्बे में लगे मीना मेला क। यहाँ पर सिर्फ महिलाये और लड़कियां ही दिखाई पड़ती है। पुरुष दुकानदारो के आलावा दूसरे पुरुषों का मेले में प्रवेश प्रतिबंधित रहता है। मेले में जुटी महिलाये और लड़कियाँ अपने जरुरत के सामानों की खरीददारी करती है, तो खाने पीने के लजीज और जयेकेदर व्यंजनो का भी स्वाद चखाती है। मीना मेला में महिलाओ कि जरुरत के लगभग सभी सामान एक ही स्थान पर मिल जाता है।
महिलाओ के सौन्दर्य समग्री के आलावा यहाँ पर घरेलु वस्तुओ से लेकर अन्य सामान भी आसानी से मिल जाते है। महिलाएं बताती है की यदि गलती से भी कोई पुरुष मेला परिसर में आ जाता है तो उसकी पिटाई होती है ।
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