जौनपुर ही नहीं बल्कि आस पास के गाँव में घूंघट और छन छन करती पायल महिलाओं की पहचान हुआ करती है | घूंघट से अब केवल गाँव तक ही सीमित रह गया है लेकिन ये छनकती पायल शहरों तक अपना पाँव पसारे बैठी है |
माना जाता है कि जब कोई लड़की पायल पहनकर चलती है तो पायल से निकलने वाला स्वर किसी संगीत से कम प्रतीत नहीं होता। पायल की आवाज से घर में नकारात्मक शक्तियों का असर कम हो जाता है और सकारात्मक शक्तियों को बल मिलता है। स्त्रियों के लिए श्रृंगार की वस्तु है, लेकिन इससे कई अन्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। पायल से प्राप्त होने वाले फायदों के विषय में काफी कम लोग ही जानते हैं। आमतौर पर पायल के संबंध में मान्यता है कि इसकी आवाज से दैवीय शक्तियां आकर्षित होती हैं और घर पर कृपा बनाए रखती हैं।घर में सकारात्मक वातावरण निर्मित होता है। वातावरण की पवित्रता बढ़ती है। मान्यता है कि जिस घर से पायल की आवाज आती रहती है, वहां देवी-देवताओं की विशेष कृपा रहती है। इसी कारण महिलाओं के लिए पायल पहनना अनिवार्य माना गया है।
कई घर-परिवार ऎसे हैं, जहां विवाह के बाद स्त्री को पायल के बिना घर से बाहर जाने की इजाजत भी नहीं दी जाती है। पुराने समय में पायल की छम-छम की आवाज एक संकेत का काम करती थी। कारण इसका जो भी रहा हो लेकिन पायल एक ऐसा जेवर है जिसके पहन लेने के बाद महिला की आजादी ख़त्म हो जाती है और जहां भी वो जाती है पायल की आवाज़ संकेत देती रहती है की यहाँ आस पास कोई महिला है या घर की कोई महिला इस समय कहाँ हैं |
कुछ लोगों का मानना है की सेक्स के समय पायल की आवाज़ मर्द पे एक नयी ताजगी भर देती है |
माना जाता है कि जब कोई लड़की पायल पहनकर चलती है तो पायल से निकलने वाला स्वर किसी संगीत से कम प्रतीत नहीं होता। पायल की आवाज से घर में नकारात्मक शक्तियों का असर कम हो जाता है और सकारात्मक शक्तियों को बल मिलता है। स्त्रियों के लिए श्रृंगार की वस्तु है, लेकिन इससे कई अन्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। पायल से प्राप्त होने वाले फायदों के विषय में काफी कम लोग ही जानते हैं। आमतौर पर पायल के संबंध में मान्यता है कि इसकी आवाज से दैवीय शक्तियां आकर्षित होती हैं और घर पर कृपा बनाए रखती हैं।घर में सकारात्मक वातावरण निर्मित होता है। वातावरण की पवित्रता बढ़ती है। मान्यता है कि जिस घर से पायल की आवाज आती रहती है, वहां देवी-देवताओं की विशेष कृपा रहती है। इसी कारण महिलाओं के लिए पायल पहनना अनिवार्य माना गया है।
कई घर-परिवार ऎसे हैं, जहां विवाह के बाद स्त्री को पायल के बिना घर से बाहर जाने की इजाजत भी नहीं दी जाती है। पुराने समय में पायल की छम-छम की आवाज एक संकेत का काम करती थी। कारण इसका जो भी रहा हो लेकिन पायल एक ऐसा जेवर है जिसके पहन लेने के बाद महिला की आजादी ख़त्म हो जाती है और जहां भी वो जाती है पायल की आवाज़ संकेत देती रहती है की यहाँ आस पास कोई महिला है या घर की कोई महिला इस समय कहाँ हैं |
कुछ लोगों का मानना है की सेक्स के समय पायल की आवाज़ मर्द पे एक नयी ताजगी भर देती है |
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