शिराज-ए-हिन्द जौनपुर के ऐतिहासिक चेहल्लुम की मजलिस शनिवार को इस्लाम चैक पर हुई जहां सबसे पहले सोजखानी हुई जिसके बाद अंजुमन जौनपुरी सा. ने मरसिया पेश किया। तत्पश्चात् मौलाना सै. नदीम रजा जैदी फैजाबादी ने मजलिस को खिताब करते हुये इमाम हुसैन व उनके परिवार सहित साथियों पर कर्बला में हुये जुल्मो-सितम को पढ़ा तो माहौल गमगीन हो या। बाद खत्म मजलिस इमामबाड़े से फूलों से लदी ऐतिहासिक तुरबत निकाली गयी जसको देखकर लोग रोते हुये मन्नतें मांगे। रात में रखे ताजिये व तुरबत का यह जुलूस मुतवल्ली सै. नजमुल हसन जैदी व इन्तेजामकार सै. असगर हुसैन जैदी के नेतृत्व में अंजुमन गुलशने इस्लाम के हमराह बेगमगंज स्थित सदर इमामबाड़े में पहुंचकर समाप्त हो गया। बीते शुक्रवार से शुरू यह कार्यक्रम शनिवार को ताजिये व तुरबत को सदर इमामबाड़े में दफन के साथ समाप्त हुआ। कार्यक्रम का संचालन सै. कबीर हसन जैदी ने किया।
जौनपुर इस्लाम के चौक का चेहल्लुम पूरी दुनिया में मशहूर है | इस साल भी हर साल भी इमाम हुसैन (अ.स) के चाहने वालों ने चेहल्लुम में शब्बेदारी ,मजलिस की और ताजिया ,तुर्बत निकाल के इमाम हुसैन की कर्बला में की गयी कुर्बानी को याद किया और जनाब बीबी फातिमा, जनाब ऐ जैनब और इमाम ऐ मेहदी (अ.स) को पुरसा दिया |
यह चेहल्लुम इस्लाम का चौक एक मुअज्ज़े से शुरू हुआ जो आज भी कायम है |
जौनपुर इस्लाम के चौक का चेहल्लुम पूरी दुनिया में मशहूर है | इस साल भी हर साल भी इमाम हुसैन (अ.स) के चाहने वालों ने चेहल्लुम में शब्बेदारी ,मजलिस की और ताजिया ,तुर्बत निकाल के इमाम हुसैन की कर्बला में की गयी कुर्बानी को याद किया और जनाब बीबी फातिमा, जनाब ऐ जैनब और इमाम ऐ मेहदी (अ.स) को पुरसा दिया |
यह चेहल्लुम इस्लाम का चौक एक मुअज्ज़े से शुरू हुआ जो आज भी कायम है |
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