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    मंगलवार, 28 अक्तूबर 2014

    जहरखुरानी की बढती घटनाएँ. कैसे बचें?

    Nihal gargh ka samosa
    जहरखुरानी  कि घटनाएँ आज कल आम होती जा रही हैं विशेषकर लंबी दूरी की ट्रेनों जम्बूतवी, गोल्डन टेम्पल, अवध एक्सप्रेस, साबरमति आदि ट्रेनों में जहरखुरानी की वारदातें ज्यादा होती हैं. बदमाश यात्रियों से अखबार, माचिस जैसी चीजें मांगकर बातचीत की शुरुआत करते हैं। जब उन्हें लगता है कि यात्री उनकी बातों में आ गया है तो उन्हें खाने-पीने की वस्तु ऑफर कर वारदात करते हैं.

    रेलवे पुलिस आदि के इंतज़ाम के बावजूद ऐसी घद्नाएं बढती ही जा रही हैं इसलिए हम सभी को यह चाहिए कि अपनी सुरक्षा स्वम करें और लोगों को भी इस से बचने के उपाय बातें.  सब से आसान रास्ता तो यही है कि आप ट्रेन के सफ़र मैं किसी का दिया कुछ भी खाएं पियें नहीं यहाँ तक कि गुटका और सिगरेट को भी हाथ ना लगाएं.
    ख़बरों के अनुसार अक्सर यह लोग केला ,बिस्किट,पानी कि बोतल, चाय ,गुटका ,आईसक्रीम इत्यादि का प्रयिग करते हैं. लुटेरे आप से ज़रा सी घनिष्टता बनाने के बाद आप को बिस्कुट ,केता जैसी कोई चीज़ देता है एक दो वो पहले खुद खाता है और आप को भी उसमें  से एक देता है. आप को यह यकीन हो जाता है कि जब यह खुद खा रहा है तो उसमें सब ठीक है लेकिन जो आप को दिया जा रहा है उसी केले मैं इंजेक्शन से नशे कि दावा होती है या बिस्कुट मैं नशे का केमिकल लगा होता है. उसको खाते ही आप बेहोश हो जाते हैं आप पास के यात्री समझते हैं कि आप सो गए और लुटेरा आप का सामान ले के चलता बनता है.

    ट्रेन के सफ़र मैं सावधानी से काम लें यदि आप १२-२४ या ४० घंटे के सफ़र मैं बाहर का दिया किसी का नहीं खाते कुछ ख़ास फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन खाने के बाद कहीं आप कि गाढ़ी कमाई ना लुट जाए. इसलिए सावधानी हटी दुर्घटना घटी को समझते हुए आप भी सावधानी से काम लें और केवल अपने साथ जो लाये हैं उसी को खा कर सफ़र पूरा करें|
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