रशीदाबाद जौनपुर का ३५० वर्ष पूर्व बसा ऐतिहासिक मोहल्ला |
रशीदाबाद इलाके में जो जौनपुर के भंडारी रेलवे स्टेशन के आगे पड़ता है आपको बेहतरीन पुरानी मस्जिद , मकबरा और आलिशान रोज़े और सूफियों की समाधियाँ मिल जायेंगी और उनके शान देख के यह हर इंसान एक बार अवश्य सोंचेगा की आखिर कौन लोग थे जिनकी इतनी शान थी|
इस बड़े से कब्रिस्तान जैसे इलाके में एक कब्र है जिसकी चाहरदीवारी तो है लेकिन छत नहीं थी कभी और कब्र भी काफी बड़ी और शानदार है | यह कब्र मकदूम शाह अब्दुल् रशीद की कही जाती है जिनके नाम पे यह इलाका रशीदाबाद कहाँ जाता है और मेरे मस्त इलाके में मौजूद खान काह भी इन्ही की दें है |
मकदूम शाह दीवान अब्दुल् रशीद ग्राम बरौना जौनपुर के रहने वाले थे और इनके पिता का नाम मकदूम शाह जमाल मुस्तफा था |आपका जन्म १००० हिजरी में हुआ था |आपने ज्ञान उस्तादुल मुल्क मुल्ला अफज़ल जौनपुरी से प्राप्त किया और आपकी ख्याति इतनी अधिक फैल गयी थी की एक समय यह आया की शाहजहाँ जौनपुर आपसे मिलने आया और आपको बुलवाया लेकिन आप अपनी इबादतगाह के बाहर नहीं निकले और शाहजहाँ बिना मिले चला गया |
कुछ समय बाद आपने अपना ग्राम बरौना को छोड़ दिया और जौनपुर शहर में आज के मीर मस्त कहे जाने वाले इलाके में खानकाह (धर्मशाला ) का निर्माण किया और वहीँ लोगों को शिक्षा दीक्षा देने लगे | आप भी यह खानकाह (धर्मशाला ) मीर मस्त इलाके में मौजूद है जिसे खानकाह (धर्मशाला ) रशीदिया के नाम से जाना जाता है और इसकी शाखें बिहार ,इलाहाबाद इत्यादि कई जगहों पे फैली हुयी है |
आपका देहांत १०७१ हिजरी में ९ रमजान को नमाज़ पढ़ते समय हुआ |
इस कब्रिस्तान में जौनपुर की बहुत से मशहूर हस्तियाँ दफन है जिनमे ख़ास है शेख अब्दुल हमीद (१६२७ इ जन्म ,शेख गुलाम मोईनुद्दीन (१६५२ ई ) ,शेख गुलाम क़ुतुबुद्दीन (१६५६ ई ) इत्यादि दफन हैं |
अगली कड़ी में जानिये खानकाह (धर्मशाला ) रशीदिया जौनपुर के बारे में |
इकबाल साहब से जानिए मकदूम शाह दीवान अब्दुल् रशीद के बारे में और रशीदाबाद इलाके के बारे में |
इस बड़े से कब्रिस्तान जैसे इलाके में एक कब्र है जिसकी चाहरदीवारी तो है लेकिन छत नहीं थी कभी और कब्र भी काफी बड़ी और शानदार है | यह कब्र मकदूम शाह अब्दुल् रशीद की कही जाती है जिनके नाम पे यह इलाका रशीदाबाद कहाँ जाता है और मेरे मस्त इलाके में मौजूद खान काह भी इन्ही की दें है |
मकदूम शाह दीवान अब्दुल् रशीद ग्राम बरौना जौनपुर के रहने वाले थे और इनके पिता का नाम मकदूम शाह जमाल मुस्तफा था |आपका जन्म १००० हिजरी में हुआ था |आपने ज्ञान उस्तादुल मुल्क मुल्ला अफज़ल जौनपुरी से प्राप्त किया और आपकी ख्याति इतनी अधिक फैल गयी थी की एक समय यह आया की शाहजहाँ जौनपुर आपसे मिलने आया और आपको बुलवाया लेकिन आप अपनी इबादतगाह के बाहर नहीं निकले और शाहजहाँ बिना मिले चला गया |
कुछ समय बाद आपने अपना ग्राम बरौना को छोड़ दिया और जौनपुर शहर में आज के मीर मस्त कहे जाने वाले इलाके में खानकाह (धर्मशाला ) का निर्माण किया और वहीँ लोगों को शिक्षा दीक्षा देने लगे | आप भी यह खानकाह (धर्मशाला ) मीर मस्त इलाके में मौजूद है जिसे खानकाह (धर्मशाला ) रशीदिया के नाम से जाना जाता है और इसकी शाखें बिहार ,इलाहाबाद इत्यादि कई जगहों पे फैली हुयी है |
आपका देहांत १०७१ हिजरी में ९ रमजान को नमाज़ पढ़ते समय हुआ |
इस कब्रिस्तान में जौनपुर की बहुत से मशहूर हस्तियाँ दफन है जिनमे ख़ास है शेख अब्दुल हमीद (१६२७ इ जन्म ,शेख गुलाम मोईनुद्दीन (१६५२ ई ) ,शेख गुलाम क़ुतुबुद्दीन (१६५६ ई ) इत्यादि दफन हैं |
अगली कड़ी में जानिये खानकाह (धर्मशाला ) रशीदिया जौनपुर के बारे में |
इकबाल साहब से जानिए मकदूम शाह दीवान अब्दुल् रशीद के बारे में और रशीदाबाद इलाके के बारे में |
Discover Jaunpur (English ), Jaunpur Photo Album
Admin and Founder
S.M.Masoom
Cont:9452060283
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
हमारा जौनपुर में आपके सुझाव का स्वागत है | सुझाव दे के अपने वतन जौनपुर को विश्वपटल पे उसका सही स्थान दिलाने में हमारी मदद करें |
संचालक
एस एम् मासूम