728x90 AdSpace

This Blog is protected by DMCA.com

DMCA.com for Blogger blogs Copyright: All rights reserved. No part of the hamarajaunpur.com may be reproduced or copied in any form or by any means [graphic, electronic or mechanical, including photocopying, recording, taping or information retrieval systems] or reproduced on any disc, tape, perforated media or other information storage device, etc., without the explicit written permission of the editor. Breach of the condition is liable for legal action. hamarajaunpur.com is a part of "Hamara Jaunpur Social welfare Foundation (Regd) Admin S.M.Masoom
  • Latest

    रविवार, 10 सितंबर 2023

    शाह सम्मन सुहरवर्दी सैदपुर गाजीपुर

    शाह सम्मन सुहरवर्दी सैदपुर गाजीपुर 


    मनाकिब दुर्वेशिया के अनुसार एक बार हज़रत मख़्दूम चिराग़-ए-हिन्द एक बार बिहार में घूम रहे थे . एक ब्राह्मण के घर के पास से उनका गुजर हुआ तो ब्राह्मण ने प्राथना की कि वह संतानहीन है. आप ने ईश्वर से प्रार्थना की और उस से कहा कि तुम्हारे सात पुत्र होंगे. पर जो सबसे बड़ा पुत्र होगा वह हमें दे देना. ब्राह्मण ने ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार कर लिया. सात साल बाद जब मख़्दूम वहां से गुजरे तो ब्राह्मण के सात बेटे थे. जब उन्होंने बड़े बेटे की मांग की तो पुत्र मोह में उस ने मना कर दिया. मख़्दूम ने फरमाया – अगर यह हमारा लड़का होगा तो खुद चला आएगा. यह कह कर आप ने अपनी राह ली. कुछ ही दूर पहुंचे होंगे कि वह लड़का जिस का नाम सुमन था वह भागता हुआ उनके पास आ गया. आप उसे अपने साथ ज़फ़राबाद ले गए, उसे तसव्वुफ़ का ज्ञान दिया और अपने देहांत के पूर्व उसे सैदपुर भीतरी की विलायत प्रदान की| विलायत हासिल होते ही हजरत मखदूम शेख सदरूद्दीन चिरागे हिंद ने अपने मुर्शीद शेख शाह सम्मन को आदेश दिया कि विलायत के इस चीराग की रोशनी को चारों ओर फैलाओ और दीन दुखियों की मदद करो। शेख शाह सम्मन अपने पीर से इजाजत लेकर बलिया की सीमा से होते हुए सैदपुर गाजीपुर पहुंचे।

    यहां आपके चिरागे विलायत की रौशनी दूर दूर तक फैल गई, दीन दुखी लोग मनौती मांगने और अपने कष्टों के निवारण के लिए आपके पास आने लगे। शेख शाह सम्मन ने कई करामातें की है। जिससे आपकी प्रसिद्धि चारों ओर फैली गई।
    आप की दरगाह वहीं स्थित है| हर साल आप की दरगाह पर उर्स होता है जिसमे हिन्दू –मुसलमान दोनों सम्मिलित होते हैं. यह मेला एक महीने तक रहता है. यह उर्स रामनवमी के ठीक बाद मनाया जाता है .|

    शाह सम्मन सुहरवर्दी

    सम्मन बाबा के विषय में प्रचलित है कि एक बार कोई राजा कोढ़ की बीमारी से पीड़ीत था हर उपाय कर आखिरकार थक कर काशी में देह त्यागने की इच्छा रख कर नाव से काशी जा रहा था . रात में नाविक को आग की ज़रुरत पड़ी और उस ने नाव नदी के किनारे लगायी . उसने देखा कि एक फकीर अपनी साधना में लिप्त है और आग जल रही है। नाविक ने फकीर के तेज से प्रभवित हो कर राजा को उनसे मिलने की सलाह दी. राजा ने न चाहते हुए भी नाविक की बात पर फकीर के सामने जा कर अपनी व्यथा कहने लगा.उन्होने राजा को पास पड़ी राख उठा कर दी और फ़रमाया कि इसे लगा कर देखना। राजा को पहले विश्वास न हुआ मगर उसने बाबा के कहे अनुसार किया और कोढ़ मुक्त हो गया। सम्मन बाबा के बार में अनेक किस्से प्रचलित है।
    • Jaunpur Azadari Network Channel

    • Blogger Comments
    • Facebook Comments

    0 comments:

    एक टिप्पणी भेजें

    हमारा जौनपुर में आपके सुझाव का स्वागत है | सुझाव दे के अपने वतन जौनपुर को विश्वपटल पे उसका सही स्थान दिलाने में हमारी मदद करें |
    संचालक
    एस एम् मासूम

    Item Reviewed: शाह सम्मन सुहरवर्दी सैदपुर गाजीपुर Rating: 5 Reviewed By: S.M.Masoom
    Scroll to Top