शाह सम्मन सुहरवर्दी सैदपुर गाजीपुर
यहां आपके चिरागे विलायत की रौशनी दूर दूर तक फैल गई, दीन दुखी लोग मनौती मांगने और अपने कष्टों के निवारण के लिए आपके पास आने लगे। शेख शाह सम्मन ने कई करामातें की है। जिससे आपकी प्रसिद्धि चारों ओर फैली गई।
आप की दरगाह वहीं स्थित है| हर साल आप की दरगाह पर उर्स होता है जिसमे हिन्दू –मुसलमान दोनों सम्मिलित होते हैं. यह मेला एक महीने तक रहता है. यह उर्स रामनवमी के ठीक बाद मनाया जाता है .|
सम्मन बाबा के विषय में प्रचलित है कि एक बार कोई राजा कोढ़ की बीमारी से पीड़ीत था हर उपाय कर आखिरकार थक कर काशी में देह त्यागने की इच्छा रख कर नाव से काशी जा रहा था . रात में नाविक को आग की ज़रुरत पड़ी और उस ने नाव नदी के किनारे लगायी . उसने देखा कि एक फकीर अपनी साधना में लिप्त है और आग जल रही है। नाविक ने फकीर के तेज से प्रभवित हो कर राजा को उनसे मिलने की सलाह दी. राजा ने न चाहते हुए भी नाविक की बात पर फकीर के सामने जा कर अपनी व्यथा कहने लगा.उन्होने राजा को पास पड़ी राख उठा कर दी और फ़रमाया कि इसे लगा कर देखना। राजा को पहले विश्वास न हुआ मगर उसने बाबा के कहे अनुसार किया और कोढ़ मुक्त हो गया। सम्मन बाबा के बार में अनेक किस्से प्रचलित है।
- Jaunpur Azadari Network Channel
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