जौनपुर की संस्कृति में 'कौहड़ौरी अनुष्ठान'
होली की आहट लिये फागुनी रीति-रिवाजों में हमारे यहां एक कौहड़ौरी अनुष्ठान भी पूरे उत्साह के साथ महिलायें मनाती हैं। कोहड़ौरी बोले तो बरी/बरियां या आंग्लभाषा में बोले तो स्पाइसी चंक्स (spicy chunks). विश्व भर में मसालों और उनके बहुतेरे मिश्रणों के लिए भारत की तूती बोलती है। कौहड़ौरी भी मसालों का एक मिश्रण है जिसकी लम्बे समय तक की उपयोगिता के लिए उसे खास पाक विधि से तैयार किया जाता है।
इनके बनाते समय महिलायें आत्मविभोर हो देवी गीत गाती हैं। पहले की सात बरियां देवी को समर्पित होती हैं। और इससे जुड़े सहन - असहन (शुभ अशुभ) की मान्यता भी घर घर में है। मतलब इसका बनना कहीं शुभकारी है तो कहीं अशुभ भी। पत्नी हिचक रहीं थीं, कुछ तो इससे जुड़े टिटिम्में (झंझट) के कारण मगर मेरे निरन्तर मनुहार के चलते आखिर मान ही गईं। और कौहड़ौरी आखिर बन ही गई है।एक साल तक के लिये सब्जी को खास फ्लेवर देने का इंतजाम।
उन्होंने हमारी ओर कौहड़ौरी से जुड़े एक प्रसिद्ध फागुनी गीत की भी याद दिलाई -
उचटल नींद सेजरिया हो हमरी कौहड़ौरी
उरद के दलिया धो धो पिसली तामे गरम मसाला हो
सात सुहागन काढ़े बैठी गांवईं मंगलचारा हो
हमरी कौहड़ौरी
इस समय कोहड़ौरी से घर गमगमा गया है, सुवासित सुगंध चारो ओर फैल रही है।
उरद के दलिया धो धो पिसली तामे गरम मसाला हो
सात सुहागन काढ़े बैठी गांवईं मंगलचारा हो
हमरी कौहड़ौरी
इस समय कोहड़ौरी से घर गमगमा गया है, सुवासित सुगंध चारो ओर फैल रही है।
और हां जिस दिन कौहड़ौरी बनती है एक बोनस भी साथ में रहता है एक अद्भुत जायकेदार व्यंजन' रिकवच', सो उसका भी आनन्द लिया गया।
मित्रगण रेसिपी के लिए यहां शाम तक फिर लौंटे।
कोहड़ौरी बनाने की विधि
सामग्री
1-पेठा कोहड़ा (कुष्मान्ड, winter melon) से लगभग तीन सौ ग्राम गूदा कद्दूकस करें
कोहड़ौरी बनाने की विधि
सामग्री
1-पेठा कोहड़ा (कुष्मान्ड, winter melon) से लगभग तीन सौ ग्राम गूदा कद्दूकस करें
2 - छिलके वाली उड़द की दाल 1 किलो
3-गरम मसाला, धनिया पाउडर, हींग, खड़ा मेथी
विधि
उड़द की दाल रात भर भिगो लें। सुबह धोकर छिलका थोड़ा निकालें थोड़ा रहने दें। बिना पानी के मिक्सी में पीस लें। भगोने में ढक कर रख लें। कद्दूकस किये कद्दू से पानी निचोड़ लें। अदरख हरा मिर्च कूट लें और गर्म मसाला धनिया पाऊडर हींग खड़ा मेथी और स्वादानुसार नमक सभी पीछे उर्द मिलाकर फेंट दें। अब चित्र के अनुसार छोटी कोहड़ौरी बना बना धूप में सूखने को डाल दें। इसे खोटना या काढ़ना कहते हैं।
रिकवच - ऊपर की थोड़ा पिसी दाल पहले ही अलग रखें। कड़ाही में मेथी का तड़का लगाये और अदरख लहसुन मिर्चा का पेस्ट और गर्म मसाला मिलायें। ढ़ेर सा पानी मिलाकर गरम करें। इसी खौलते पानी में हाथ से उर्द की पीठियां भी डालें। स्वादानुसार नमक डालें।
3-गरम मसाला, धनिया पाउडर, हींग, खड़ा मेथी
विधि
उड़द की दाल रात भर भिगो लें। सुबह धोकर छिलका थोड़ा निकालें थोड़ा रहने दें। बिना पानी के मिक्सी में पीस लें। भगोने में ढक कर रख लें। कद्दूकस किये कद्दू से पानी निचोड़ लें। अदरख हरा मिर्च कूट लें और गर्म मसाला धनिया पाऊडर हींग खड़ा मेथी और स्वादानुसार नमक सभी पीछे उर्द मिलाकर फेंट दें। अब चित्र के अनुसार छोटी कोहड़ौरी बना बना धूप में सूखने को डाल दें। इसे खोटना या काढ़ना कहते हैं।
रिकवच - ऊपर की थोड़ा पिसी दाल पहले ही अलग रखें। कड़ाही में मेथी का तड़का लगाये और अदरख लहसुन मिर्चा का पेस्ट और गर्म मसाला मिलायें। ढ़ेर सा पानी मिलाकर गरम करें। इसी खौलते पानी में हाथ से उर्द की पीठियां भी डालें। स्वादानुसार नमक डालें।
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कौहड़ौरी |
और हां जिस दिन कौहड़ौरी बनती है एक बोनस भी साथ में रहता है एक अद्भुत जायकेदार व्यंजन' रिकवच', सो उसका भी आनन्द लिया गया।
लेखक डॉ अरविन्द मिश्रा
जौनपुर

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