आज के आधुनिक समय में हिन्दुस्तानवासी हिन्दी नव वर्ष को भूले हुये हैं| हिन्दी नव वर्ष का शुभारम्भ चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन एवं रंगों के पर्व होली के बाद पड़ने वाले अमावस्या के दूसरे दिन से होता है जिसे चैत्र शुक्ल पक्ष भी कहा जाता है। विश्वभर में सनातनधर्मी इसी सम्वत् के आधार पर अपना पर्व-त्योहार मनाते हैं।
आज से गुड़ी पड़वा के साथ ही चैत्र नवरात्रि की भी शुरुआत हो गई। माना जाता है की इस दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की थी। भगवान राम का राज्याभिषेक भी गुड़ी पड़वा के दिन ही हुआ था।
‘चैत्रे मासि जगद् ब्रह्मा ससर्ज प्रथमे अहनि।
शुक्ल पक्षे समग्रेतु तदा सूर्योदये सति।।‘
आप सभी को भारतीय नववर्ष विक्रमी सम्वत 2074 , गुडी पडवा और नवरात्री की शुभकामनाएं | आप सभी के लिए यह नववर्ष अत्यन्त शुभ , सुखद , मंगलकारी व कल्याणकारी हो और आपको नित नूतन उँचाइयों की ओर ले जाने वाला हो |
---एस एम् मासूम - संचालक हमारा जौनपुर डॉट कॉम
bahut achchhi janakari , jo har vyakti ko pata nahin hai . shayad hamari peedhee ko bhi nahin . aabhar !
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