एक स्थानीय राजा, राजा प्रताप बहादुर, जिनका कार्यकाल सन् 1628 से लेकर 1682 के मध्य था, उन्होने अपना मुख्यालय रामपुर के निकट एक पुराने कस्बे अरोर में स्थापित किया। जहाँ उन्होने एक क़िले का निर्माण कराया और अपने नाम पर ही उसका नाम प्रतापगढ़ (प्रताप का किला) रखा। धीरे-धीरे उस क़िले के आसपास का स्थान भी उस क़िले के नाम से ही जाना जाने लगा यानि प्रतापगढ़ के नाम से।
आज यह किला पुराने प्रतापगढ़ में स्थित है जिसे लोग प्रतापगढ़ सिटी के नाम से जानते हैं | जब 1858 में जिले का पुनर्गठन किया गया तब इसका मुख्यालय बेल्हा में स्थापित किया गया जो अब बेल्हा-प्रतापगढ़ के नाम से विख्यात है। ये नया प्रतापगढ़ पुराने प्रतापगढ़ से केवल ३ किलोमीटर की दूरी पे है |बेल्हा नाम वस्तुतः सई नदी के तट पर स्थित बेल्हा देवी के मंदिर से लिया गया था।
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