मुहल्ले कि चाय कि दुकान की जो जगह हुआ करती थी वही आज फेसबुक को हासिल है । अक्सर होता यह था कि जवानी के दिनों में चाय की दूकान पे बैठने वाला लड़का जब शादी करता था तो वहाँ बैठना बंद कर देता था और अपनी पारिवारिक जिम्मेदारी को निभाने लागता था ।
आज फेसबुक कि जडे हर घर मे मौजूद है इसलिये यह एक चिंता का विषय बनता जा रहा है कि कही जिस से शादी होने वाली है वो फेसबुकिये तो नहीं जो शादी के बाद भी सारा समय फेसबुक पे ही लगे रहे और पत्नी या परिवार के लिए समय ही नहीं बचे ।
हर ‘फेसबुकिए की एक पहचान हुआ करती है जिस से आप अपने होने वाले पति को पहचान सकती हैं ।
अगर कोई व्यक्ति तस्वीर खिंचवाते समय कोने में खड़ा रहना पसंद करे तो समझ जाएँ ये फसबुकिया है क्यू की वो इस तस्वीर को कवर फोटो बनाना चाहता है ।
यदि लज़ीज़ खाने की थाली सामने आते ही कोई उसे खाने के पहले उसकी तस्वीर उतारने लगे तो समझ जाएँ ये भी फेस बुकिया है फ़ौरन इसे शेयर करेगा फिर खायेगा ।
अगर कोई सुबह जॉगिंग पे अपने साथ कैमरा या कमरे वाला मोबाइल लेता जाय तो समझ लें यह भी फसबुकिया है ।
अगर कोई शादी के पहले अपनी होने वाली पत्नी को पल पल की खबर दे जैसे की फीलिंग सैड..हैप्पी..कंफ्यूज इत्यादि तो समझ लें यह घोर फेस बुकिया है ।
अगर कोई आपकी कई तस्वीर मांगे तो समझ लें यह फेस बुकिया है यह शादी के पहले अपनी होने वाली पत्नी की तस्वीर सबको दिखा के लाइक गिनेगा ।
अगर किसी को अपने घर की पुरानी एल्बम से बहुत प्रेम हो और उनकी तस्वीर खींचता दिखे तो समझ लें यह भी फेसबुकिया है और यह अपनी पुरानी तस्वीर फेसबुक पे वन्स अपॉन ए टाइम लिखे डाल देगा ।
यदि आप शादी के पहले पहचान नहीं पायी है कि आपके पति ‘फेसबुकिए’ है या नहीं तो बाद में भी पहचान सकती है । अगर शादी के बाद वो आपके साथ ऐसी तस्वीर आपको पकड़ के खिंचवाए जैसे की छूटते ही आप भाग जाएगी तो समझ लें यह फेसबुकिया है ।
अगर बच्चे के जन्म होते ही कोई मिठाई बांटने से पहले बच्चे की तस्वीर लेने की कोशिश करे तो समझ लें यह भी फेसबुकिया है ।
लेकिन डरिये नहीं चिंता की कोई बात नहीं क्यू की यह बीमारी छूटती नहीं बल्कि जो छुड़ाना चाहता है उसे भी लग जाती है ।
आज फेसबुक कि जडे हर घर मे मौजूद है इसलिये यह एक चिंता का विषय बनता जा रहा है कि कही जिस से शादी होने वाली है वो फेसबुकिये तो नहीं जो शादी के बाद भी सारा समय फेसबुक पे ही लगे रहे और पत्नी या परिवार के लिए समय ही नहीं बचे ।
हर ‘फेसबुकिए की एक पहचान हुआ करती है जिस से आप अपने होने वाले पति को पहचान सकती हैं ।
अगर कोई व्यक्ति तस्वीर खिंचवाते समय कोने में खड़ा रहना पसंद करे तो समझ जाएँ ये फसबुकिया है क्यू की वो इस तस्वीर को कवर फोटो बनाना चाहता है ।
यदि लज़ीज़ खाने की थाली सामने आते ही कोई उसे खाने के पहले उसकी तस्वीर उतारने लगे तो समझ जाएँ ये भी फेस बुकिया है फ़ौरन इसे शेयर करेगा फिर खायेगा ।
अगर कोई सुबह जॉगिंग पे अपने साथ कैमरा या कमरे वाला मोबाइल लेता जाय तो समझ लें यह भी फसबुकिया है ।
अगर कोई शादी के पहले अपनी होने वाली पत्नी को पल पल की खबर दे जैसे की फीलिंग सैड..हैप्पी..कंफ्यूज इत्यादि तो समझ लें यह घोर फेस बुकिया है ।
अगर कोई आपकी कई तस्वीर मांगे तो समझ लें यह फेस बुकिया है यह शादी के पहले अपनी होने वाली पत्नी की तस्वीर सबको दिखा के लाइक गिनेगा ।
अगर किसी को अपने घर की पुरानी एल्बम से बहुत प्रेम हो और उनकी तस्वीर खींचता दिखे तो समझ लें यह भी फेसबुकिया है और यह अपनी पुरानी तस्वीर फेसबुक पे वन्स अपॉन ए टाइम लिखे डाल देगा ।
यदि आप शादी के पहले पहचान नहीं पायी है कि आपके पति ‘फेसबुकिए’ है या नहीं तो बाद में भी पहचान सकती है । अगर शादी के बाद वो आपके साथ ऐसी तस्वीर आपको पकड़ के खिंचवाए जैसे की छूटते ही आप भाग जाएगी तो समझ लें यह फेसबुकिया है ।
अगर बच्चे के जन्म होते ही कोई मिठाई बांटने से पहले बच्चे की तस्वीर लेने की कोशिश करे तो समझ लें यह भी फेसबुकिया है ।
लेकिन डरिये नहीं चिंता की कोई बात नहीं क्यू की यह बीमारी छूटती नहीं बल्कि जो छुड़ाना चाहता है उसे भी लग जाती है ।
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