जौनपुर कभी इत्र ,गुलकंद और चमेली के तेल के लिए बहुत मशहूर रहा है| आज इनका
उद्योग ना के बराबर रह गया है जिसका कारण इसे बनाने में लगने वाली कीमत का ना मिल
पाना माना जाता है | आज बाज़ार में असली चमेली का तेल या इत्र बहुत कम ही देखने को
मिलता है और जो भी बनता है वो जौनपुर के बाहर महानगरों और अन्य देशों में चला जाता
है | मेहनत के बाद सही कीमत या मुनाफा ना मिले तो कोई भी उद्योग बंद हो सकता है |
आज तिल उद्योग पे ऐसा ही खतरा मंडराने लगा है |
इस कारोबार से जुड़े लोग किसानों से तिल खरीदकर लाते है और गोमती नदी में धुलाई कर उन्हे वाराणसी की मण्डी में बेचकर अपना गुजर बसर करतें हैं। इस कार्य में लगे लोग पूरे कुनबे के साथ कड़ाके की ठण्ड में रात एक बजें से गोमती नदी के ठरते पानी में घुस कर तिल की सफाई करते है।जौनपुर में इस सर्द मौसम में गोमती के ठरते पानी में अपना खून पसीना बहा रहे है इन लोगो का बस एक ही मकसद है कि दो वख्त की रोटी का जुगाड़ करना। ये लोग कर्ज लेकर किसानों से तिल खरीदकर उन्हे खाने के लायक बनाने में अपने पूरे परिवार की जान जोखिम में डालकर इसे बाज़ार में बिकने लायक बनाते हैं |किसानों से तिलियों को खरीदने और कुटाई धुलायी करने के बाद बा मुश्किल इन गरीबो को दो बखत की रोटी मिलती हैं। इसके बावजूद ये बेचारे अपने पुश्तैनी कारोबार में लगे हुए हैं।
इस कारोबार से जुड़े लोग किसानों से तिल खरीदकर लाते है और गोमती नदी में धुलाई कर उन्हे वाराणसी की मण्डी में बेचकर अपना गुजर बसर करतें हैं। इस कार्य में लगे लोग पूरे कुनबे के साथ कड़ाके की ठण्ड में रात एक बजें से गोमती नदी के ठरते पानी में घुस कर तिल की सफाई करते है।जौनपुर में इस सर्द मौसम में गोमती के ठरते पानी में अपना खून पसीना बहा रहे है इन लोगो का बस एक ही मकसद है कि दो वख्त की रोटी का जुगाड़ करना। ये लोग कर्ज लेकर किसानों से तिल खरीदकर उन्हे खाने के लायक बनाने में अपने पूरे परिवार की जान जोखिम में डालकर इसे बाज़ार में बिकने लायक बनाते हैं |किसानों से तिलियों को खरीदने और कुटाई धुलायी करने के बाद बा मुश्किल इन गरीबो को दो बखत की रोटी मिलती हैं। इसके बावजूद ये बेचारे अपने पुश्तैनी कारोबार में लगे हुए हैं।
Admin and Owner
S.M.Masoom
Cont:9452060283
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
हमारा जौनपुर में आपके सुझाव का स्वागत है | सुझाव दे के अपने वतन जौनपुर को विश्वपटल पे उसका सही स्थान दिलाने में हमारी मदद करें |
संचालक
एस एम् मासूम