जौनपुर शहर से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पे स्थित कजगांव की हालत दिन बा दिन खराब ही होती जा रही हैं | बाज़ारों में तो गन्दी नालियों और कीचड़ ही इस बरसात में देखने को मिला करता है | पूरे बरसात में ग्राम सभा द्वारा सफाई पर ध्यान नहीं दिया गया जिससे गंदगी का साम्राज्य बढ़ता ही जा रहा है।
| जबकि इस कजगांव की कभी बड़ी शान हुआ करती थी जिसे यह शानदार घर आज भी बयान कर रहे हैं | इस घरों में आज भी वही शान ओ शौकत देखने को मिला करती है | आज ऐसी शानदार जगह पे आप चले जाये तो शाम ४-५ बजे के बाद जौनपुर शहर वापस आने के लिए यातायात का कोई साधन जुटाना भी मुश्किल हो जाया करता है |
| जबकि इस कजगांव की कभी बड़ी शान हुआ करती थी जिसे यह शानदार घर आज भी बयान कर रहे हैं | इस घरों में आज भी वही शान ओ शौकत देखने को मिला करती है | आज ऐसी शानदार जगह पे आप चले जाये तो शाम ४-५ बजे के बाद जौनपुर शहर वापस आने के लिए यातायात का कोई साधन जुटाना भी मुश्किल हो जाया करता है |
ज़रा देखिये कजगांव के बाज़ार की सड़कों की हालत और इन बड़ी कोठियों को जो एक कहानी कह रहे हैं | यह कजगांव जौनपुर से भी एक साल पहले ७७१ AH में वजूद में आया और तब इसका नाम मसौन्दा था जो बाद में सादात मसौन्दा हुआ और अब कजगांव टेढ़वा कहलाता है |
Vakai bht hi accha zaria hai aap ye blog. Janab ek guzarish hai ki aap apne issue blog me thodi se jagah Ranno ko bhi de. Sukria !
जवाब देंहटाएंज़रूर आप मुझे रन्नो के बारे में भेज दें |
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