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फोटो अजीत बदल चक्रवर्ती |
जौनपुर। कभी भ्रष्टाचार तो कभी मूल्याकंन में धाधली करने के मामले में हमेशा चर्चा में रहने वाला वीर बहादुर सिंह पूर्वाचंल विश्वविद्यालय एक बार फिर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के कारनामे के कारण चर्चा में आ गया है। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर एक ऐतिहासिक धरोहरो की फोटो प्रर्दशनी लगायी थी। प्रर्दशनी में लगी सभी तस्वीर को विभाग के छात्रो द्वारा खिचा जाना बताया गया था लेकिन जौनपुर के एक प्रेस फोटो ग्राफर ने कुछ फोटो अपने द्वारा खीचे जाने का दावा किया है। पत्रकारिता विभाग के इस कारनामें के कारण विश्वविद्यालय के दामन पर एक और दाग लग गया है।
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फोटो अजीत बदल चक्रवर्ती |
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फोटो अजीत बदल चक्रवर्ती |
प्रेस रिलिज में साफ लिखा था कि प्रर्दशनी में लगायी सभी फोटो माॅसकाम के छात्रो ने अपने अपने कैमरो में कैद किया है। जिस फोटो को माॅसकाम डिपार्टमेंट के बच्चो द्वारा खिचना बताया गया उन कुछ फोटो को दैनिक जागरण के फोटोग्राफर अजीत बादल चक्रवर्ती ने अपना बताया है। इसमे कुछ तस्वीरे हिंदुस्तान दैनिक के फोटोजर्नलिस्ट आशीष श्रीवास्तव की भी है ऐसा माना जा रहा है |
शिराज ऐ हिन्द डाॅट काम का दावा है कि जनसचार विभाग के प्रध्यापक दिग्गविजय सिंह राठौर ने उनको बताया कि ये सभी फोटो मेरे विभाग के छात्रो ने खिचकर फोटो प्रैटिकल प्रोजक्ट फाईल में जमा किये थे। उन्ही फाईलो से सभी फोटो को निकालकर प्रर्दशनी में लगायी गयी थी। दिग्गविजय सिंह ने बताया कि चार पांच फोटो को छोड़कर सभी फोटो की हार्ड कापी विभाग में मौजूद है।
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फोटो अजीत बदल चक्रवर्ती |
शिराज ऐ हिन्द डाॅट काम के अनुसार अजीत बादल ने विश्वविद्यालय की प्रर्दशनी मे लगायी गयी फोटो उनको भेजी है जिसे उसने खुद अपने कैमरे में कैद किया है। इन फोटो को देखकर आप खुद अंदाजा लगा सकते है कि अजीत बादल सही दावा कर रहा है या विश्वविद्यालय का पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग|
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विश्व विद्यालय में लगाई गई फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन करते शिक्षक गण |
तस्वीर साभार शिराज ऐ हिन्द डाॅट कॉम
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