
विधायक ने विधानसभा सत्र नियम 56 के अंतर्गत सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराने की मांग की। जिसे विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने स्वीकार कर लिया। श्री जावेद ने कहा कि जौनपुर में सड़कों की स्थिति बद से बदतर है। विशेष रूप से शाहगंज-जौनपुर राजमार्ग पिछले बीस साल से क्षतिग्रस्त है। इस मार्ग पर पूर्वाचल विश्वविद्यालय, प्रस्तावित मेडिकल कालेज है। यह जिला मुख्यालय से शाहगंज तहसील मुख्यालय को जोड़ता है। पिछले सात साल से राज्य सरकार ने इसे पीपीपी माडल (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के माध्यम से बनाने का प्रस्ताव दिया हुआ है परंतु कोई भी औद्योगिक घराना व निजी कंपनी इस मार्ग को बनाने के लिए तैयार नहीं है। लोक निर्माण विभाग द्वारा इस मार्ग के मरम्मत के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया जाता है। प्रत्येक वर्ष कथित रूप से मरम्मत होता है और सड़क टूट जाती है।
श्री जावेद ने मांग किया कि सरकार पीपीपी के हाथों से निकालकर इपीपी (सरकार अपने धन से) माडल में डाले ताकि इस सड़क का काम जल्द से जल्द प्रारंभ हो सके। उन्होंने कहा कि केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने वाराणसी-जौनपुर-सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 1400 करोड़ रुपये से अधिक पैसा आवंटित कर दिया था। साथ ही जौनपुर में फ्लाईओवर आदि को स्वीकृत कर उस पर धन भी आवंटित कर दिया था। मगर राज्य सरकार की कोताही के चलते जमीन अधिग्रहण का कार्य नहीं हो पाया और आज भी कांग्रेस सरकार द्वारा दिए गए पैसे का इस्तेमाल नहीं हो पाया। विधानसभा में सदन के नेता ने नदीम जावेद द्वारा उठाए गए इन सवालों पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार अतिशीघ्र आवश्यक कार्रवाई करेगी।
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