शाह फ़िरोज़ का मक़बरा आपको सिपाह मोहल्ले के सामने वाली सड़क जो जौनपुर और गोरखपुर की तरफ जाती है पे दूर से दिखाई देता है | अक्सर लोग इस भ्रम में पड़ जाते हैं की यह फ़िरोज़ शाह तुग़लक़ का मक़बरा है जिसने जौनपुर को १३५९ में बसाया था जो की सत्य नहीं है |
शहज़ादा फ़िरोज़ शाह का सम्बन्ध चोत गायी परिवार के सुल्तानों में से था | वे बाबर के साथ हिन्दुस्तान आय थे और बाबर इनकी बहुत इज़्ज़त करता था | बाबर ने अफगानियों के दमन के लिए दस हज़ार सैनिको के साथ शाह फ़िरोज़ को जौनपुर भेजा लेकिन उसकी विजय न हो सकी और वो दिल्ली लौट गया | कुछ समाय बाद बाबर ने बड़ी सेना ले के फिर से जॉनपर पे हमला किया और विजयी हुआ | बाबर ने जौनपुर पे विजय प्राप्त करने के साथ ही शाह फ़िरोज़ को यहाँ का शासक बना दिया | शाह फ़िरोज़ एक नेक इंसान था उसने जौनपुर की शान फिर से वापस लाने का प्रयास किया | शाह फ़िरोज़ की मृतयु जौनपुर में हुयी और सिपाह मोहल्ले के सामने मोहल्ला जमाल खान में उनका मक़बरा बना |
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