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    शनिवार, 27 जून 2020

    समाजशास्त्र : कैरिएर की अपार संभावनाओं से भरा विषय : डॉ. पवन विजय

    समाजशास्त्र : कैरिएर की अपार संभावनाओं से भरा विषय


    समाजशास्त्र को एक ऐसे विषय के रूप में जाना जाता है जिसका व्यावहारिक अनुप्रयोग अत्यंत सीमित है, जबकि वास्तविकता में ऐसा नही है। लोग एक दूसरे के साथ किस आधार पर बातचीत करते हैं इसे विभिन्न दृष्टिकोण से समझना, आंकड़ों का विश्लेषण और उच्च-स्तरीय शोध के माध्यम से जटिल सवालों के समाधान खोजना समाजशास्त्र के प्रमुख विषयवस्तु हैं । समाजशास्त्र व्यक्तियों और विभिन्न प्रकार के समाजों का अध्ययन है। समाजशास्त्र लोगों और प्रणालियों को समझने में एक ठोस आधार प्रदान करता है ताकि छात्रों द्वारा विकसित कौशल का उपयोग विभिन्न प्रकार के कैरियर निर्माण में किया जा सके। कुछ नौकरियों के लिए मास्टर डिग्री की आवश्यकता होती है, लेकिन कुछ मामलों में, स्नातक समाजशास्त्र की डिग्री वाले व्यक्ति प्रवेश स्तर की स्थिति में कैरियर शुरू कर अपना काम कर सकते हैं। भारत में समाजशास्त्र का व्यापक और गैर पारम्परिक प्रयोग अभी कम किया जाता है लेकिन बहुत सी मल्टी नेशनल कम्पनियों ने अपने बाजार को विस्तार देने के लिए समाजशास्त्रियों को रखना शुरू कर दिया है । समाजशास्त्र विषय के साथ पढ़ाई करने के बाद पारंपरिक और गैर-पारंपरिक कैरियर के कुछ उदाहरण यहां दिए गए हैं। 


    सिविल/उच्च शिक्षा में अवसर : इस तरह के अवसरों के लिए समाजशास्त्र में स्नातक होना पर्याप्त है। सिविल सेवाओं में समाजशास्त्र एक लोकप्रिय विषय है। इसके अलावा समाजशास्त्र का अध्ययन उच्च शिक्षा विभाग में अनेकों उच्च-स्तरीय प्रस्थितियों पर काम करने के योग्य बनाता है, जिसमें महाविद्यालय/ विश्वविद्यालय अथवा शिक्षा आयोग प्रशासन भी शामिल है। इन करियर में वेतन व्यापक रूप से अन्य कर्मचारियों से अलग होता है , लेकिन आमतौर पर जब आप अधिक अनुभव प्राप्त करते हैं तो उसी मात्रा में वेतन में बढ़ोत्तरी होती रहती है। इसके अलावा राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा की अर्हता के साथ विभिन्न संस्थाओं में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम किया जा सकता है।

    शोध में अवसर : समाजशास्त्र विषय में मास्टर डिग्री लेने के बाद महाविद्यालयों/ विश्वविद्यालयों में शोधकार्य और शिक्षण एक अच्छा विकल्प होता है। शोध सहायकों की आवश्यकता तकरीबन प्रत्येक उच्च शिक्षण संस्थान में होती है। शोध परियोजनाओं के लिए अच्छी खासी फंडिंग होती है।

    समाजशास्त्री के रूप में कैरियर : विभिन्न प्रकार के संदर्भों में समाज का अध्ययन समाजशास्त्री करते हैं, जिसमें सामाजिक संस्थान, व्यवसाय या धार्मिक समुदाय शामिल हो सकते हैं। आमतौर पर, समाजशास्त्री डॉक्टरेट की उपाधि अर्जित करने के बाद अकादमिक संस्थानों में शोधकर्ता या संकाय सदस्य के रूप में काम करते हैं, लेकिन विभिन्न प्रकार के अन्य अवसर हैं जहाँ समाजशास्त्री स्वतंत्र रूप से अपना काम करते हैं, जिनमें सार्वजनिक नीति, थिंक टैंक और निजी/सरकारी संस्थान शामिल हैं। 

    मानव संसाधन में अवसर: समाजशास्त्र के अध्ययन के पश्चात लोगों के दृष्टिकोण, उनकी जरूरतों और उनके तौर तरीकों को समझना आसान हो जाता है। इसका ज्ञान का प्रयोग लोगों के बीच बेहतर समन्वयन में किया जा सकता है और इंडस्ट्री में मानव संसाधन विशेषज्ञ के तौर पर स्वयं को प्रस्तुत कर कैरियर की शुरुआत की जा सकती है ।

    पब्लिक रिलेशन में अवसर : समाजशास्त्र में स्नातक करने के बाद पब्लिक रिलेशन को कैरियर के विकल्प के रूप में चुना जा सकता है। यहाँ संचार विशेषज्ञ अपने ब्रांड का प्रचार करते हुए एक उच्च गुणवत्ता वाली सार्वजनिक छवि सुनिश्चित करने के लिए एक व्यक्ति, संगठन या कंपनी की ओर से काम करते हैं। वे आम तौर पर प्रेस विज्ञप्ति और अन्य मीडिया जानकारी को ड्राफ्ट करने, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के प्रबंधन और प्रचार संबंधी घटनाओं के विज्ञापन के लिए काम करते हैं ।

    ट्रेवल गाइड के रूप में कैरियर: यात्रा स्थलों की सामाजिक सांस्कृतिक जानकारी, परम्पराओं की सूचना यात्रियों के लिए बहुत रोमांचक होती है। समाजशास्त्र से स्नातक करने के बाद इस क्षेत्र में कैरियर बनाया जा सकता है। 

    लेखन / स्वतंत्र पत्रकारिता में अवसर: विश्लेषणात्मक और संचार कौशल की वजह से समाजशास्त्र के छात्रों के लिए लेखन और स्वतंत्र पत्रकारिता में बहुत संभावनाएं हैं। सामजिक सांस्कृतिक मुद्दों पर पकड़ आपको एक बेहतर लेखक और स्तंभकार बना सकती है। 

    शहरी/ ग्रामीण नियोजन में कैरियर : शहरी और क्षेत्रीय योजनाकार शहर या बड़े क्षेत्र के लिए योजना, कार्यक्रम और नीतियां विकसित करते हैं। अक्सर, उनका लक्ष्य किसी विशेष क्षेत्र को बनाना या पुनर्जीवित करना, जनसंख्या वृद्धि को समायोजित करना या किसी शहर को अधिक कुशल बनाने के लिए बुनियादी ढांचे को विकसित करने और लागू करने में मदद करना होता है। सामुदायिक और सामाजिक गतिशीलता एक क्षेत्रीय योजनाकार की भूमिका के लिए आवश्यक है और समाजशास्त्र के छात्र का इस पर ध्यान देकर और कैरियर को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकते हैं।

    अंतर्राष्ट्रीय सहायता और विकास में अवसर: यह एक व्यापक क्षेत्र है जो एक ही छतरी के नीचे विभिन्न प्रकार के विभिन्न कार्यों यथा आपातकालीन राहत और प्रबंधन, सामान्य सामुदायिक विकास, अंतरास्ट्रीय सहयोग, आपदा प्रबंधन इत्यादि को समाहित करता है। समाजशास्त्र से स्नातक करने के बाद अंतरराष्ट्रीय काम में उत्कृष्टता और अनुभव हासिल करने के लिए, छात्रों को कुछ गैर परम्परागत अवसरों पर भी विचार करना चाहिए।

    यदि आप सामजिक सरोकारों के अध्ययन में रूचि रखते हैं तो समाजशास्त्र आपके कैरियर और पढ़ाई के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है।

    डॉ. पवन विजय 


    एसोसिएट प्रोफेसर, 

    डेलही इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, 

    इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय


     

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