नगर को दो भागों में विभाजित करने वाला ,गोमती नदी पे बने ऐतिहासिक शाही पुल का र्निमाण अकबर के शासनकाल में उनके आदेशानुसार सन् 1564 ई० में मुइन खानखाना ने करवाया था।
आज भी इस पुल का उत्तरी छोर जहां शाही हम्माम बताया जाता है बहुत मज़बूत नहीं है और पांच ताख वाले पुल की देख रेख की आवश्यकता है जो सफाई और घाट इत्यादि बनवाने के साथ दूर हो सकती है | जबकि शाही पुल आज भी मजबूती में कम नहीं और इसके ताख और खम्बे की मजबूती में कोई कमी आज भी नहीं है | उनपे उग आये पेड़ इत्यादि को समय समय में हटाना चाहिए |
शाही पुल का सौन्दरियकरण और इस शाही पुल के निकट मंदिरों की श्रेणी में घाट का निर्माण इस समस्या का पूरा हल है |
लेखक ...एस एम् मासूम
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