नगर के पानदरीबा स्थित इस्लाम चौक पर नज्र करते सैयद सफदर हुसैन जैदी। |
रविवार को इमाम हजरत अली (अ.स.) का जन्म दिवस धूम-धाम से मानाया गया। इस दौरान जगह-जगह महफिले मकासेदा और नज्र का एहतेमाम किया गया। कई स्थानों पर केक काटे गये, नज्र का प्रसाद वितरित किया हुआ तो कई स्थानों पर आतिश बाजी और हवा में गुब्बारे उड़ाए गये।
नगर
के अली फाउंडेशन बलुआघाट की आेर से शाही किला गेट के सामने मौला-ए-कायनात
हजरत अली (अ.स.) का जन्मदिवस शानो शौकत एवं शांति दिवस के रुप में मनाया
गया। शिया मुसलमानों के पहले इमाम हजरत अली इब्ने अबू तालिब का जन्म 13 रजब
3 आमुलफील 60 ई में खाना-ए-काबा में हुआ। हजरत अली महिला आदर्श सच स्वरूप
मां जनाबे फात्मा बिंते असद के पुत्र इस्लाम धर्म के प्रमुख प्रचारक
महानतम् दार्शनिक, ज्योतिष विद्या विशेषज्ञ, महान योद्धा कर्मयोगी,
अध्यात्म के महान गुरु मुसलमानों के खलीफा एवं हजरत इमाम हसन व इमाम हुसने
के पिता मोहम्मद साहब की बेटी जनाबे फातिमा के पति, गुलामी समाप्त करने
वाले समानता, समता, भाईचारा प्रेम, सलूनी सलूनी का दावा करने वाले, आसमानी
ज्ञान के ज्ञाता थे। नहजुल बलागा उन्ही के उपदेशों का संकलन है।
कार्यक्रम को मौलाना महफूजुल हसन साहब प्रधानाचार्य नासिरिया अरबी कालेज ने ह$ अली की नज्र की और मौलाये कायनात क फजाएल बयान करते हुए देश में अमन व चैन की दुआ की। कार्यक्रम के बाद बच्चों को पठन—पाठन सामग्री का वितरण किया गया। शाम करीब छह बजे 2 किलो का केट काटा गया और महफिल का आयोजन किया गया। जिसमें शायर शोला जौनपुरी, मास्टर जैद सईद, इरफान जैदी, साबिर जौनपुरी, एहसास जौनपुरी, आरिफ जौनपुरी आदि शायरों ने अपने कलाम पेश किये। महफिल का संचालन प्रिंस जौनपुरी ने किया। इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष अहमद अली जैदी प्यारे, तकी हैदर काजू, अनवर हसन खां, कायम हसन साजिद, सै. अकी हैदर, सै. सादिक हसन, अर्शी, जया, मीसम, हसनैन कमर दीपू, शहंशाह, शाहिद मेंहदी, मीजम, जमजम, पाशा, पापा, रुमी, माजिद हसन ने सभी धर्माें के लोगों का शुक्रिया अदा किया। वहीं नगर के कसेरी बाजार स्थित शिया जामा मस्जिद में मुसलमानों के खलीफा एवं शिया मुसलमानों के प्रथम इमाम हजरत अली के जन्मदिन के मौके पर नमाज के उपरांत महफिले मकासदा का अयोजन किया गया। जिसमें इमामे जुमा मौलाना महफू जुल हसन खां ने कहा कि हजरत अली के जीवन का अनुसरण करते हुए दुनिया में सफलता प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि मानवता के लिए जो कार्य किये हैं वो मानव समाज के लिए प्रेरणादायक है। हजरत अली की शिक्षाएं आज के दौर में प्रासंगिक है। इसके बाद शायर रजमी जौनपुरी, जफर जफराबादी, नजफ जौनपुरी, जव्वाद जौनपुरी, परवेज जौनपुरी, मिल्लत जौनपुरी, अफरोज जौनपुरी, इश्तेयाक जौनपुरी, हम्जा जौनपुरी, हुसैन गाजीपुरी, गुलफाम जायसी आदि ने नजराने अकीदत पेश की। जामा मस्जिद के मुतवल्ली अली मंजर डेजी ने सभी के प्रति शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर सै. मोहम्मद हसन, जमीर हसन जेडी साहब, तहसीन अब्बास सोनी, तालिब रजा शकील एडवोकेट, मोहम्मद नासिर रजा गुड्डू, हाजी समीर अली, डा$ हाशिम खां, मो$ मुस्लिम हीरा, शाहिद आब्दी, हैदर अब्बास आदि मौजूद रहे। वहीं नगर के मछरहट्टा, मानिक चौक में हजरत अली के जन्मदिन के मौके पर महफिल का अयोजन किया गया। कार्यक्रम का अयोजन हदीसे केसा की तिलावत के साथ हुआ। जिसके बाद शरबत की सबील लगायी गयी जो शाम तक चलती रही। इस मौके पर शमशीर हुसैन, सै. शहनशाह,, मिर्जा गालिब, सै. अलममश, मो. अबुजर, उत्तम, विनोद कुमार, गुलाब कुमार, पंकज शौकत अली, राजीव गुप्ता आदि मौजूद रहे। नगर के पानदरीबा मोहल्ला स्थित शेख इस्लाम मरहूम इमामबाड़ा में महफिल व नज्र मौला अली का आयोजन किया गया। जिसके बाद लोगों ने अतिशबाजी कर जश्न की शुरुआत की। सर्वप्रथम इस्लाम की चौक पर मौलाना सैयद सफदर हुसैन जैदी ने मौला अली की नज्र की और हजरत अली की जीवन पर प्रकाश डाला। महिफल में जनपद के व बाहर से आये शायरों ने नजराने अकीदत पेश किया। इस मौके पर मोहल्लावासी मौजूद रहे। वही कोरापट्टी गांव में हजरत अली की विलादत के मौके पर महफिल का अयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रधान जुल्फेकार अली ने की। महफिल में दिलशाद हुसैनी, एहतेशाम अब्बास, ताहिर अली, बशर अली, अबु तालिब, इजहार अली ने अपने कलाम पेश किया। महफिल के अंत में लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर बधाई दी।
कार्यक्रम को मौलाना महफूजुल हसन साहब प्रधानाचार्य नासिरिया अरबी कालेज ने ह$ अली की नज्र की और मौलाये कायनात क फजाएल बयान करते हुए देश में अमन व चैन की दुआ की। कार्यक्रम के बाद बच्चों को पठन—पाठन सामग्री का वितरण किया गया। शाम करीब छह बजे 2 किलो का केट काटा गया और महफिल का आयोजन किया गया। जिसमें शायर शोला जौनपुरी, मास्टर जैद सईद, इरफान जैदी, साबिर जौनपुरी, एहसास जौनपुरी, आरिफ जौनपुरी आदि शायरों ने अपने कलाम पेश किये। महफिल का संचालन प्रिंस जौनपुरी ने किया। इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष अहमद अली जैदी प्यारे, तकी हैदर काजू, अनवर हसन खां, कायम हसन साजिद, सै. अकी हैदर, सै. सादिक हसन, अर्शी, जया, मीसम, हसनैन कमर दीपू, शहंशाह, शाहिद मेंहदी, मीजम, जमजम, पाशा, पापा, रुमी, माजिद हसन ने सभी धर्माें के लोगों का शुक्रिया अदा किया। वहीं नगर के कसेरी बाजार स्थित शिया जामा मस्जिद में मुसलमानों के खलीफा एवं शिया मुसलमानों के प्रथम इमाम हजरत अली के जन्मदिन के मौके पर नमाज के उपरांत महफिले मकासदा का अयोजन किया गया। जिसमें इमामे जुमा मौलाना महफू जुल हसन खां ने कहा कि हजरत अली के जीवन का अनुसरण करते हुए दुनिया में सफलता प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि मानवता के लिए जो कार्य किये हैं वो मानव समाज के लिए प्रेरणादायक है। हजरत अली की शिक्षाएं आज के दौर में प्रासंगिक है। इसके बाद शायर रजमी जौनपुरी, जफर जफराबादी, नजफ जौनपुरी, जव्वाद जौनपुरी, परवेज जौनपुरी, मिल्लत जौनपुरी, अफरोज जौनपुरी, इश्तेयाक जौनपुरी, हम्जा जौनपुरी, हुसैन गाजीपुरी, गुलफाम जायसी आदि ने नजराने अकीदत पेश की। जामा मस्जिद के मुतवल्ली अली मंजर डेजी ने सभी के प्रति शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर सै. मोहम्मद हसन, जमीर हसन जेडी साहब, तहसीन अब्बास सोनी, तालिब रजा शकील एडवोकेट, मोहम्मद नासिर रजा गुड्डू, हाजी समीर अली, डा$ हाशिम खां, मो$ मुस्लिम हीरा, शाहिद आब्दी, हैदर अब्बास आदि मौजूद रहे। वहीं नगर के मछरहट्टा, मानिक चौक में हजरत अली के जन्मदिन के मौके पर महफिल का अयोजन किया गया। कार्यक्रम का अयोजन हदीसे केसा की तिलावत के साथ हुआ। जिसके बाद शरबत की सबील लगायी गयी जो शाम तक चलती रही। इस मौके पर शमशीर हुसैन, सै. शहनशाह,, मिर्जा गालिब, सै. अलममश, मो. अबुजर, उत्तम, विनोद कुमार, गुलाब कुमार, पंकज शौकत अली, राजीव गुप्ता आदि मौजूद रहे। नगर के पानदरीबा मोहल्ला स्थित शेख इस्लाम मरहूम इमामबाड़ा में महफिल व नज्र मौला अली का आयोजन किया गया। जिसके बाद लोगों ने अतिशबाजी कर जश्न की शुरुआत की। सर्वप्रथम इस्लाम की चौक पर मौलाना सैयद सफदर हुसैन जैदी ने मौला अली की नज्र की और हजरत अली की जीवन पर प्रकाश डाला। महिफल में जनपद के व बाहर से आये शायरों ने नजराने अकीदत पेश किया। इस मौके पर मोहल्लावासी मौजूद रहे। वही कोरापट्टी गांव में हजरत अली की विलादत के मौके पर महफिल का अयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रधान जुल्फेकार अली ने की। महफिल में दिलशाद हुसैनी, एहतेशाम अब्बास, ताहिर अली, बशर अली, अबु तालिब, इजहार अली ने अपने कलाम पेश किया। महफिल के अंत में लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर बधाई दी।
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