जौनपुर के शाही महल और कोठियों की बात की जाए तो सबसे पहले बात राजा जौनपुर के शाही महल की होगी जो आज भी शान से अटाला मस्जिद से थोड़ी दूर राजा बाज़ार में अपनी शान बयान कर रही है | इस कोठी के दो हिस्से हैं जिसमे बाहरी महल और अंदर का परिवार वालों के रहने का इलाका है |
महल का अंदरूनी गेट |
राजा राम गुलाम जी की म्रत्यु सन १८४३ में हुई और उनके पिता राजा बाल दत्त ने राज्य की ज़िम्मेदारी संभल ली |रजा बाल दत्त के बाद उनके दुसरे पुत्र लछमन गुलाम राजा बने लेकिन उनकी कोई संतान न होने के कारण सन १८४५ में राजा बाल दत्त की पत्नी रानी तिलक कुंवर के साथ में राज पाट का काम आ गया |
१९१६ में राजा श्री कृष्ण दत्त १९४४ में राजा यद्वेंदर दत्त ने इसके देख भाल की और आज के दौर में १९९९ से राजा अवनींद्र दत्त इस राज्य की देख भाल कर रहे हैं |
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